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खानाखराबः मकर संक्रांति के साथ साथ बकर संक्रांति भी शुभ हो आपको

आज मकर संक्रांति है. चन्द्रमा के अनुसार चलने वाले कैलेंडर में सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं. ये हर साल होता है और पूरे भारत में उल्लास की लहर दौड़ जाती है. हर पांच साल में एक बार बकर संक्रांति भी आता है और पूरे भारत में बकवास की लहर दौड़ जाती है.

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मकर संक्रांति पर गंगासागर का नजारा
मकर संक्रांति पर गंगासागर का नजारा

आज मकर संक्रांति है. चन्द्रमा के अनुसार चलने वाले कैलेंडर में सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं. ये हर साल होता है और पूरे भारत में उल्लास की लहर दौड़ जाती है. हर पांच साल में एक बार बकर संक्रांति भी आता है और पूरे भारत में बकवास की लहर दौड़ जाती है. इधर बकर, उधर बकर, बकर-बकर. इस बार सूर्य महाराज की कृपा से ये संयोग बना है कि मकर और बकर संक्रांतियों की भी संक्रांति हो गई है. राजनीतिक जन्तुओं में बकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जा रही है. इस बार कुछ नए लोग भी इसमें उल्लास के साथ कूद पड़े हैं. हाथ में झाड़ू लिए वह सफाई महोत्सव की तैयारियों में जुट गए हैं. वैसे भी सैफई महोत्सव के बाद बहुत कूड़ा करकट, प्लेट पत्तल जमा हो गया है.

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सैफई में शेरों के लिए अभयारण्य बन रहा है, जिसके लिए गुजरात के गीर से बब्बर शेर मंगाए गए हैं. दो दिन पहले मुख्यमंत्री अखिलेश उन्हें देखने गए. राज्य सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार शेरों ने मुख्यमंत्री का दहाड़ कर स्वागत किया. अब चूंकि उत्तर प्रदेश के वन मंत्री की जानवरों की भाषा की समझ पर कोई शक रह नहीं गया है तो हम मान लेते हैं कि स्वागत ही किया होगा. पर भाजपा नेता कभी मौका नहीं चूकते. एक ने ऐलान कर दिया कि शेर गुजरात के हैं तो यूपी में दहाड़ेंगे ही. शेर चाहे गुजरात के क्यों न हों पर होते तो मांसाहारी ही हैं. पर नरभक्षी हों ये जरूरी नहीं.

ये बात कांग्रेस के बेनी प्रसाद वर्मा को कौन समझाए. वह तो भाजपा के गुजरात हृदय सम्राट को नरभक्षी बता गए. कांग्रेस अभी शेरों की गंभीर कमी से जूझ रहा है. समाजवादी पार्टी से बब्बर को पुचकार कर बुलाया लेकिन पुचकार पर आ जाए वह बब्बर शेर नहीं होता. कुछ राज भी होते हैं अपनी गली के. मनसे और तन से. जबकि शेर तो वन से होते हैं. कांग्रेस वन के राजा को फुला-फुलाकर शेर बताने की कोशिश हो रही है पर वह चिर शावक हैं. शावक को हमेशा अभिभावक चाहिए. इस संक्रांति में चूंकि एक नई क्रांति का पुट है तो इस बार एक शेर पढ़ने वाले ने उनको चैलेंज दे दिया है. उनको अमेठी की जनता पर विश्वास है और विश्वास को ये विश्वास है कि जनता से परिवार का खुमार उतरेगा और कुमार चढ़ेगा.

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फिलहाल आपको मकर संक्रांति का पर्व मुबारक. सूर्य महाराज आपको आगे के चार महीनों तक बकर संक्रांति झेलने की शक्ति दें.

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