नौकरशाह से मंत्री बने सत्यपाल सिंह अब मंझे हुए नेता के रूप में तब्दील हो गए हैं. लगता है कि उन्हें राजनीति भाने लगी है. आमतौर पर नौकरशाहों पर राजनीति का रंग जितना जल्दी चढ़ता है उतना जल्दी उतरता भी है लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह पर भगवा रंग कुछ ज्यादा ही चटक हो गया है.
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे सत्यपाल सिंह ने कहा कि पूरे देश का भगवाकरण होना चाहिए. उनके मुताबिक, भगवा ज्ञान का प्रतीक है और सूर्य का रंग भी भगवा ही है. भगवाकरण की वकालत करते हुए सत्यपाल सिंह ने कहा कि भले ही भारतीय समाज इस रंग को संन्यास का रंग मानता है लेकिन यह आध्यात्मिक रंग है.
उधर देश के भगवाकरण की बात कहकर सत्यपाल सिंह ने राज्य के कांग्रेसियों को छेड़ दिया है. उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक कार्ड खेलने में बाज नहीं आ रही है. केंद्र सरकार के मंत्री खुलकर सांप्रदायिकता फैलाने में जुटे हैं.
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रभात मेघावाले ने भी सत्यपाल सिंह के बयानों को गैर-जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि UPA के कार्यकाल के दौरान कभी भी जाति, धर्म और वर्ण को लेकर इस तरह की बयानबाजी नहीं हुई जैसी अभी हो रही है. मेघावाले ने प्रधानमंत्री का ध्यान उनके मंत्रियों की बयानबाजी की ओर दिलाया.