नए साल पर ब्याज दरों में 0.9 फीसदी कमी का तोहफा देने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने सोमवार को कहा कि जमा दरों पर भी जल्द ही 'पुनर्विचार' किया जाएगा, क्योंकि नोटबंदी के बाद बैंकों में भारी धनराशि जमा कराई गई है, जिसके बाहर निकल जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि हालांकि हमें उम्मीद है कि लगभग 40 फीसदी धन बैंकों के पास ही रहेगा, बैंकिंग प्रणाली को फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत तक सामान्य अवस्था में लौटने की उम्मीद है.
रविवार को ब्याज दरों में की गई कटौती की घोषणा के बारे में भट्टाचार्य बोलीं कि यह कटौती तरलता के कारण की गई है, प्रणाली में पिछले डेढ़ महीने में अप्रत्याशित तरलता आई है. यह साल के पहले 9 महीनों की तुलना में डेढ़ गुणा है. अनुमान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को की गई नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकों में 14.9 लाख करोड़ की रकम जमा की गई है.
इसके साथ ही अतिरिक्त तरलता को कर्ज कारोबार की कम वृद्धि दर से चिन्हित किया जाता है, भट्टाचार्य ने कहा कि लेकिन हम स्पष्ट संकेत देना चाहते हैं कि हम व्यापार के लिए खुले हैं, अर्थव्यवस्था में मांग है. इसलिए इस मोर्चे पर अनिश्चितता नहीं होनी चाहिए. अभूतपूर्व तरलता और कम क्रेडिट ग्रोथ के साथ हमारे पास दरों में कटौती की गुंजाइश है.