scorecardresearch
 

संसद से बिल पास, पांच बैंकों के विलय से दुनिया के टॉप 50 बैंकों में होगी SBI

राज्यसभा से भी विधेयक को मंजूरी मिलने से अब SBI में स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ़ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद पूरी तरीक़े से शामिल हो जाएंगे. सरकार का तर्क है कि इस विलय से इन बैंकों की लागत में न सिर्फ कमी आयेगी, बल्कि संसाधनों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा.

Advertisement
X
एसबीआई (सांकेतिक फोटो)
एसबीआई (सांकेतिक फोटो)

Advertisement

एसबीआई में पांच अन्य बैंकों के विलय को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है. इस मर्जर के साथ ही अब एसबीआई संपत्ति के हिसाब से दुनिया की टॉप 50 बैंकों में शामिल हो गया है. बैंक का अब टोटल कस्टमर बेस 37 करोड़ हो गया है.

24 हजार से ज्यादा ब्रांच, 60 हजार ATM

गौरतलब है कि राज्यसभा से भी विधेयक को मंजूरी मिलने से अब SBI में स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ़ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद पूरी तरीक़े से शामिल हो जाएंगे. सरकार का तर्क है कि इस विलय से इन बैंकों की लागत में न सिर्फ कमी आयेगी, बल्कि संसाधनों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा. देश भर में एसबीआई की ब्रांच नेटवर्क 24,000 से ज्यादा हैं. बैंक के एटीएम की संख्या 60 हजार के करीब है.

Advertisement

छंटनी की जताई गई थी आशंका

एसबीआई में मर्जर से संबंधित विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने पेश किया था. इस पर लंबी बहस हुई थी. हालांकि मर्जर से पहले आशंका जताई जा रही थी कि इससे छंटनी होगी, लेकिन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि विलय के बाद किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गई है. वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

लोकसभा में पहले ही बिल हो चुका है पास

लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है. अब इस विधेयक में इस विलय को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी गयी है. विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के जयराम रमेश सहित कुछ सदस्यों ने एसबीआई के निजीकरण को लेकर आशंका भी जताई थी. कई सदस्यों ने बैंकों के नियमन एवं निगरानी प्रणाली को दुरूस्त बनाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

दो लाख 70 हजार लोग कर रहे नौकरी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में एसबीआई को हुए घाटे पर चिंता जताते हुए कहा कि एसबीआई भारत का पांचवां सबसे बड़ा नियोक्ता है जो वर्तमान में 2 लाख 70 हजार लोगों को नौकरी दे रहा है. उन्होंने कहा कि विलय के बाद कर्मचारियों की छंटनी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या एसबीआई का निजीकरण करना और सरकारी बैंकों का गैर राजनीतिकरण करना उसके एजेंडे में है?

Advertisement

CPI का  आरोप, विलय से फायदा नहीं

सीपीआई सांसद डी राजा ने कहा कि विलय से पहले बताया गया था कि इससे एसबीआई विश्वस्तरीय बैंक बन जाएगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत है. उन्होंने कहा कि एसबीआई का घाटा बढ़ा है, एनपीए लगातार बढ़ रहा है साथ में कई शाखाओं को बंद भी करना पड़ा. राजा ने कहा कि सब्सिडियरी काफी अच्छा कर रहे थे और इस विलय से कोई फायदा नहीं है. 

Advertisement
Advertisement