बैंकों से गरीबों तथा निम्न मध्यम वर्ग को कर्ज सहायता में प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और सरकारी क्षेत्र के दो अन्य बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) ने अपनी विभिन्न परिपक्वता अवधि के कर्ज की मानक दरों में 0.9 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा की है.
एसबीआई ने एक बयान में बताया कि उसके एक साल की अवधि वाले लोन की सीमान्त कोष लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) 8.90 से घटाकर 8 प्रतिशत की गई है. इसी प्रकार एक माह, तीन माह और छह माह की अवधि के लोन के लिए भी ब्याज दरों में कटौती की गई है. बैंक ने दो साल और तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर घटाकर क्रमश: 8.10 प्रतिशत और 8.15 प्रतिशत कर दिया है. सभी ब्याज दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं. इसी के साथ पीएनबी और यूबीआई ने भी अपनी मानक दरों में 0.9 प्रतिशत तक की कटौती की है. पीएनबी ने एक वर्ष की अवधि वाले लोन के लिए एमसीएलआर 0.7 प्रतिशत घटाकर 8.45 प्रतिशत कर दिया है. इसी प्रकार तीन वर्ष की अवधि के लिए यह 8.60 प्रतिशत और पांच वर्ष की अवधि के लिए 8.75 प्रतिशत किया गया है.
यूबीआई ने एमसीएलआर में 0.65 से 0.90 प्रतिशत की कटौती की है. एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर को घटाकर 8.65 प्रतिशत किया गया है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एक ट्वीट कर बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की घोषणा का स्वागत किया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 31 दिसंबर को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में बैंकों से गरीबों तथा मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने को कहा था. मोदी ने कहा था, ‘बैंकों की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए मैं उनसे कहूंगा कि वे अपनी परंपरागत प्राथमिकताओं से आगे बढ़ते हुए गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग पर ध्यान दें.’ पिछले सप्ताह एसबीआई के सहायक बैंक स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर ने लोन दरों में कटौती की थी. वहीं आईडीबीआई बैंक ने भी इसमें 0.6 प्रतिशत तक की कटौती की थी.