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सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दी सहारा की संपत्ति बेचने की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को सहारा की संपत्तियों को बेचने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि सेबी सहारा की 86 प्रॉपर्टिज को बेचकर सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए जरूरी रकम इकट्ठा कर ले.

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सहारा की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी
सहारा की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी

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सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को सहारा की संपत्तियों को बेचने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि सेबी सहारा की 86 प्रॉपर्टिज को बेचकर सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए जरूरी रकम इकट्ठा कर ले. मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.

इसके पहले सहारा की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वह अपने एंबी वैली को बेचना नहीं चाहता है. क्योंकि इस जगह पर विकास कार्य चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में बताया गया है कि सहारा को एंबी वैली काफी पसंद है.

पेशेवरों की मदद से कीमत का आकलन
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर ने सेबी से कहा कि 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए सहारा की संपत्ति बेचने की शुरुआत तुरंत कर दी जाए. कोर्ट ने संपत्तियों की कीमत आंकने के लिए सेबी से विशेषज्ञ पेशेवरों की मदद लेने के लिए कहा है. सेबी से कहा गया है कि इन 86 संपत्तियों की कीमत का ब्योरा अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश की जानी चाहिए.

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तिहाड़ में नहीं बढ़ेगी सुब्रत की सुविधाएं
इसके पहले सहारा ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने रकम लौटाने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये मूल्य की अपनी संपत्ति के कागजात सेबी को पहले ही सौंपे हैं. कोर्ट सहारा के मालिक सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल में खास सुविधाएं दिए जाने को आगे बढ़ाने से मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि रकम इकट्ठा हो जाने तक उन्हें कोई खास सुविधा नहीं दी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे निगरानी
जस्टिस ठाकुर ने कहा कि सहारा की संपत्ति बेचने के लिए सेबी को अपनी मशीनरी इस्तेमाल करने की छूट है. सेबी ने कोर्ट से नीलामी के दौरान सर्किल रेट तय करने पर निर्देश मांगे. सेबी की ओर से होने वाली संपत्ति बेचने की तमाम प्रक्रियाओं की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएन अग्रवाल करेंगे.

केस की मेरिट पर बहस से इनकार
सहारा की ओर से बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि कानूनी तौर पर सहारा केस एक बुरा उदाहरण बन सकता है. दुनिया भर में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट वने केस के मेरिट पर किसी भी दलील को सुनने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि सहारा को हर हाल में आदेश का पालन करना होगा. जस्टिस ठाकुर ने कहा कि कोर्ट को कानून पर लेक्चर नहीं देकर आदेश के मुताबिक रकम इकट्ठा करिए. भारत के सुप्रीम कोर्ट का अपना उदाहरण होता है.

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बीते साल मांगी थी 30 माह की मोहलत
तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने बीते साल सुप्रीम कोर्ट से आखिरी मौका मांगा था. सहारा ने याचिका देकर कहा था कि सुब्रत को जेल से बाहर आने दिया जाए. उनके बिना इतनी बड़ी रकम जुटाना मुमकिन नहीं है. सहारा ने रकम जुटाने के लिए 30 महीने की मोहलत मांगी थी. इसके बाद कोर्ट ने सुब्रत की रिहाई के लिए सहारा समूह से 5000 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी और इतनी ही रकम सेबी के पास जमा कराने को कहा था. कोर्ट ने सहारा से निवेशकों को 36 हजार करोड़ रुपए कुल नौ किस्तों में लौटाने का आदेश दिया था.

कोर्ट ने कहा था- मर्जी से जेल में हैं सुब्रत
पिछली सुनवाई के दौरान जब सहारा ने रकम जुटा पाने में असमर्थता जताई थी तो कोर्ट ने कहा था कि सुब्रत अपनी मर्जी से जेल में रह रहे हैं. एक तरफ तो यह कहते हैं कि उनके पास 1,85,000 करोड़ रुपए की संपत्ति है. दूसरी तरफ कहते हैं कि इसमें से पांचवां हिस्सा भी देने में समर्थ नहीं हैं.

जेल में सुब्रत रॉय ने लिखी किताब
निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपये लौटाने के अदालत के आदेश को न मानने पर सुब्रत और उनके समूह के दो निदेशक 4 मार्च 2014 से जेल में हैं. यह रकम उनके समूह की दो कंपनियों एसआईआरईसीएल और एसएचएफसीएल ने 2007-2008 में निवेशकों से वसूली थी. सुब्रत रॉय ने जेल में एक किताब लिखकर बीते दिनों उसका विमोचन समारोह करवाया था.

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