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शारदा चिट फंड मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने CBI निदेशक को राजीव कुमार के खिलाफ सबूत पेश करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिट फंड मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी सीबीआई को 2 हफ्ते के भीतर कोलकाता पुलिस और पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ आरोपों को लेकर हलफनामा पेश करने को कहा है.

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कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्रनर राजीव कुमार (फाइल फोटो-पीटीआई)
कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्रनर राजीव कुमार (फाइल फोटो-पीटीआई)

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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ शारदा चिट फंड मामले में सबूत पेश करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई के निदेशक दो हफ्ते के भीतर यह हलफनामा पेश करें कि राजीव कुमार ने शारदा मामले में कॉल डेटा के रिकॉर्ड (सीडीआर) से छेड़छाड़ की है. शीर्ष अदालत के आदेश पर शारदा मामले की जांच कर रही सीबीआई ने राजीव कुमार के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की अपील की है.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि अगर एजेंसी को यह जानकारी 28 जून 2018 से की राजीव कुमार ने सीडीआर से छेड़छाड़ की है तो सीबीआई इतने दिनों तक सीबीआई क्या करती रही. कोर्ट ने कहा कि न्यायालय अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की मौखिक दलील पर कार्रवाई नहीं कर सकती कि राजीव कुमार ने अधूरा और गलत सीडीआर जमा कराया. कोर्ट ने कहा कि जो जून 2018 में हुआ उसका पता अदालत को फरवरी 2019 में चला, क्या सीबीआई को इस मामले में कोर्ट को भरोसे में नहीं लेना चाहिए था. लिहाजा सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई निदेशक को हलफनामा पेश करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है.

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शारदा चिट फंड मामले की जांच कर रही सीबीआई का आरोप है कि कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने सबूतों से छेड़छाड़ की है. बता दें कि साल 2013 में शारदा मामला सामने आने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, राजीव कुमार को इसका प्रमुख बनाया गया था. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. बता दें कि सीबीआई की टीम 3 फरवरी को शारदा घोटाले के मामले में राजीव कुमार से पूछताछ के लिए कोलकाता पहुंची थी. लेकिन कोलकाता पुलिस ने सीबीआई की टीम को राजीव कुमार के आवास में घुसने की इजाजत नहीं दी.

इसके साथ ही कोलकाता पुलिस ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने आए सीबीआई के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. लेकिन बाद में गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप पर सीबीआई अधिकारियों को छोड़ दिया गया. यही नहीं कोलकाता पुलिस बनाम सीबीआई का यह मामला ममता सरकार बनाम मोदी सरकार बन गया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गईं.

इसके बाद मामले की जांच कर रही सीबीआई ने राजीव कुमार पर न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद कोर्ट ने राजीव कुमार को मेघालय की राजधानी शिलांग में सीबीआई के समक्ष पेश होने को कहा. लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई इस दौरान राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं कर सकती.  

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राजीव कुमार से सीबीआई शिलांग में पूछताछ कर चुकी है. इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने पूर्व टीएमसी सांसद कुणाल घोष और राजीव कुमार को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की. चूंकि न्यायालय की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, लिहाजा बुधवार को कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को कहा है कि राजीव कुमार के खिलाफ सबूत अदालत के समक्ष रखे जाएं.

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