पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ठहराए गए ए जी पेरारीवलन की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को तमिलनाडु के राज्यपाल से विचार करने को कहा है.
जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिसके एम जोसफ की एक पीठ ने अभियुक्तों की रिहाई के संबंध में एक प्रस्ताव से जुड़ी केंद्र की याचिका को निस्तारित किया. यह याचिका तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर की गई थी. केंद्र ने 10 अगस्त को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात दोषियों को बरी करने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है.
केंद्र ने कहा था कि उनकी सजा में कटौती से खतरनाक नजीर पेश होगी और इसका अंतरराष्ट्रीय असर होगा. वहीं पेरारीवलन ऊर्फ अरीवू (47) की तरफ से 20 अगस्त को शीर्ष अदालत में बताया गया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष उसके द्वारा दायर दया याचिका पर दो साल से ज्यादा वक्त हो जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ है.
बता दें कि पेरारीवलन पर नौ वोल्ट की बैटरी की आपूर्ति का आरोप था जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर उस बेल्ट बम को बनाने के लिये किया गया था जिससे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 14 अन्य की हत्या हुई. तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली में आत्मघाती महिला हमलावर ने धमाका कर राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.
बता दे कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी पहले ही मामले में दोषी करार लोगों को माफ करने की बात कर चुके हैं. प्रियंका तो इस मामले में आरोपी से मिलने जेल भी गई थीं. वहीं राहुल गांधी ने अपने विदेश दौरे के दौरान कहा था कि जब उन्होंने सुना कि उनके पिता की हत्या करने वाला (प्रभाकरण) मारा गया तो उन्हें दुख हुआ था.