जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम सिस्टम में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब आम जन से विचार आमंत्रित किए हैं. देश की आम जनता अपने विचार और सुझाव 13 नवंबर तक कानून मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर कोर्ट से साझा कर सकती है. इसके बाद 18 और 19 नवंबर को अदालत इस पर सुनवाई करेगी.
देश की शीर्ष अदालत ने इस ओर तीन सदस्यीय कमिटी का भी गठन किया है जो केस में बहस के लिए वकीलों का चुनाव करेगी. इस कमिटी में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, बार काउंसिल के चेयरमैन अदिश सी अग्रवाल और वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन शामिल हैं.
इतिहास में पहली बार रायशुमारी
देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब न्यायपालिका जजों की नियुक्ति को लेकर आम आदमी से रायशुमारी कर रही है. हालांकि, इसे अदालत की ओर से सरकार के उन आरोपों की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार ने NJAC को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने और इस तरह जजों की नियुक्ति मामले में भारतीय संसद (जनता द्वारा चुनी गई) की अनदेखी का आरोप लगाया है.
गौरतलब है कि सुपीम्र कोर्ट की संविधान पीठ ने इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार और एएसजी पिंकी आनंद की एक दो सदस्यीय पीठ का भी गठन किया है, जो कोलेजियम प्रणाली में सुधार पर सुझाव प्राप्त करने के लिए नामित किया है. यह पीठ कोलेजियम में पारदर्शिता, जरूरी योग्यता, कोलेजियम सेक्रिटारिएट और शिकायतों के निदान के क्षेत्र में सुझाव ले रही है.