सर्वोच्च न्यायालय ने स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी नोवार्टिस एजी की कैंसर रोधी दवा ग्लिवेक के पेटेंट से संबंधित याचिका खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति आफताब आलम तथा रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने नोवार्टिस की याचिका खारिज कर दी.
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कंपनी ने बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड के निर्णय को चुनौती दी थी, जिसने दवा का पेटेंट कराने से संबंधित याचिका खारिज कर दी थी. यह दवा रक्त कैंसर व अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाती है.
चेन्नई स्थिति बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड ने वर्ष 2006 में नोवार्टिस की याचिका खारिज की थी. इसे चुनौती देने वाली नोवार्टिस की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लेकर कई अंतर्राष्ट्रीय दवा कंपनियों की नजर टिकी हुई थी. कंपनी ग्लिवेक के पेटेंट के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही है.
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यदि कंपनी को इसमें कामयाबी मिल जाती तो भारतीय कंपनियों को जेनरिक दवाओं के निर्माण से रोक दिया जाता.