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इशरत केस: मामला रद्द करने की मांग वाली PIL पर SC नहीं करेगा सुनवाई

मामले में वकील एमएल शर्मा की ओर से दलील शुरू होने के कुछ समय बाद ही जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस अमिताव रॉय की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत ऐसा मामला दायर नहीं किया जा सकता है. अगर आप चाहते हैं तो संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय जा सकते हैं.

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2004 में हुए मुठभेड़ में मारी गई थी इशरत जहा
2004 में हुए मुठभेड़ में मारी गई थी इशरत जहा

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सुप्रीम कोर्ट ने इशरत जहां मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक केस को खारिज करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. इस याचिका में लश्कर आतंकी हेडली के हालिया बयान को आधार बनाकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामले निलंबित करने की मांग की गई थी.

मामले में वकील एमएल शर्मा की ओर से दलील शुरू होने के कुछ समय बाद ही जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस अमिताव रॉय की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत ऐसा मामला दायर नहीं किया जा सकता है. अगर आप चाहते हैं तो संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय जा सकते हैं.

पीठ ने कहा कि कोई भी संबंधित व्यक्ति इस मामले में उचित प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है. गुजरात पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को निरस्त करने की मांग करने वाली इस याचिका में पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी हेडली के हालिया बयान का हवाला दिया गया है. मुंबई की एक अदालत के सामने दर्ज किए गए इस बयान में कहा गया था इशरत लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी थी . मुठभेड़ में कथित भूमिका के चलते पूर्व पुलिस अधिकारी वंजारा समेत गुजरात पुलिसकर्मी मुंबई की एक अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

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