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जनरल वीके सिंह से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्यों न चले अवमानना का केस

पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वी के सिंह के आयु विवाद मामले में उसके आदेश पर कथित प्रतिकूल टिप्पणियों के मामले में अवमानना नोटिस जारी किया.

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पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह

पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वी के सिंह के आयु विवाद मामले में उसके आदेश पर कथित प्रतिकूल टिप्पणियों के मामले में अवमानना नोटिस जारी किया.

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सुप्रीम कोर्ट ने जनरल सिंह को 23 अक्टूबर तक इस नोटिस का जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाये.

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पहली नजर में सिंह का बयान न्यायालय के अधिकार को कम करने वाला और उसकी कार्यवाही को बदनाम करने वाला है.

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले में न्यायालय की मदद का आग्रह की है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अखबारों में जनरल सिंह के हवाले से छपी उस टिप्पणी का स्वतः संज्ञान लिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत ने उनकी आयु का फैसला करते समय मैट्रिक के प्रमाण पत्र को आधार क्यों नहीं माना जबकि बलात्कार पीड़ित की उम्र का निर्धारण करते समय ऐसे ही दस्तावेज को आधार माना जाता है.

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आपको बता दें कि न्यायमूर्ति आर एम लोढा और न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की खंडपीठ ने उम्र विवाद में केन्द्र सरकार के खिलाफ जनरल सिंह की याचिका खारिज की थी.

सिंह पिछले साल 10 फरवरी को शीर्ष अदालत में अपनी उम्र को लेकर कानूनी लड़ाई हार गये थे. शीर्ष अदालत ने कहा था कि उनकी जन्म तिथि को लेकर उनके सेवा के मामले में सरकार निर्णय ही लागू होगा. इसके बाद सिंह ने अपनी याचिका वापस ले ली थी.

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