सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुपरस्टार सलमान खान को उनसे जुड़े 'हिट एंड रन' (2002) मामले में नोटिस जारी किया. उन्हें इस मामले में बरी किए जाने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को महाराष्ट्र सरकार ने चुनौती दी है. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति न्यायाधीश जगजीत सिंह केहर और न्यायमूर्ति सी. नगप्पन ने सलमान को इस बाबत नोटिस जारी करते हुए कहा कि 'बहुत अच्छा होगा अगर उन्हें इस अदालत द्वारा बरी किया जाए, क्योंकि इससे वह सभी अप्रत्यक्ष परिणामों से बच जाएंगे.'
सलमान की ओर से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को मामले से जुड़ी अदालती कार्यवाही के बारे में शुरू से लेकर अंत तक बताया. उन्होंने जोर दिया कि सलमान को एक ऐसे व्यक्ति की गवाही पर दोषी ठहराया गया, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. सिब्बल ने कहा कि इसके अलावा सलमान को इस मामले में दोषी ठहराने के लिए अन्य कोई सबूत नहीं है.
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सिब्बल ने भले मुख्य चश्मदीद गवाह को झुठला दिया हो, लेकिन घटनास्थल पर और भी कई चश्मदीद गवाह मौजूद थे, जिन्होंने सलमान को कार में ड्राइविंग सीट पर बैठे देखा था. उल्लेखनीय है कि 2002 में मुंबई में सलमान की कार फुटपाथ पर सो रहे एक व्यक्ति पर चढ़ गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी. हादसे के वक्त कार में सलमान भी सवार थे.