सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल समेत उनकी पार्टी के तीन नेताओं को नोटिस जारी किया है.
मानहानि के पुराने मामले में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कजरीवाल के साथ-साथ प्रशांत भूषण, शाजिया इल्मी व मनीष सिसोदिया को नोटिस जारी किया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. इसका मतलब यह हुआ कि ट्रायल की अगली तिथि 5 मार्च को इन चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है.
कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने ट्रायल कोर्ट को केजरीवाल की याचिका स्वीकार करने को कहा था. केजरीवाल समेत सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट से अपने खिलाफ दायर मानहानि मामला खारिज करने की मांग की थी. 16 जनवरी को हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को इसे ट्रायल कोर्ट में पेश करने को कहा. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस केस में कोई व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन करता है, तो अदालत इसकी इजाजत दे सकती है.
अमित सिब्बल ने हाईकोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. अमित सिब्बल भी वकील हैं. उन्होंने पिछले साल जुलाई में ही यह मामला दायर किया था, जिस पर सुनवाई चल रही है.
आखिर क्या है पूरा मामला...
अमित सिब्बल का आरोप है कि इन नेताओं ने वोडाफोन टैक्स माफी मामले में उन्हें और उनके पिता को बदनाम करने की कोशिश की थी.
AAP के इन नेताओं ने कपिल सिब्बल पर आरोप लगाया था कि टेलीकॉम की बड़ी कंपनी वोडाफोन के मामले में टैक्स डिमांड रिवाइज करके उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया. केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सिब्बल के खिलाफ आरोप लगाए थे.
केजरीवाल ने कानून मंत्री कपिल सिब्बल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कानून मंत्री बनने के 24 घंटे के भीतर ही हचिसन एस्सार को वोडाफोन की 11,217 करोड़ की देनदारी का मामला कोर्ट के बाहर ही निपटवा दिया था.
AAP नेताओं के मुताबिक कपिल सिब्बल ने ऐसा तब किया था, जब उनके बेटे अमित हचिसन में काम कर रहे थे. केजरीवाल ने सवाल खड़ा किया था कि कहीं इस काम के लिए सिब्बल को 2000 करोड़ रुपये तो नहीं दिए गए थे?
गौरतलब है कि साल 2007 में वोडाफोन ने हचिसन एस्सार को खरीदा था, जिसके लिए उसे 11,217 करोड़ रुपये हचिसन को देने थे. अमित सिब्बल उस समय हचिसन के वकील थे.