सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 14 वर्षो पुरानी एक याचिका का पटाक्षेप कर दिया. याचिका दिल्ली में बिजली संकट से सम्बंधि थी. अदालत ने कहा कि जब से यह मामला लिया गया है, तब से दिल्ली में बिजली की स्थिति 1000 गुणा बेहतर हुई है.
न्यायमूर्ति डी.के. जैन और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तुलना में दिल्ली में बिजली की स्थिति 1000 गुणा बेहतर है. अदालत ने यह भी कहा कि बिजली वितरण कम्पनियों ने अच्छा काम किया है और वे सराहना के हकदार हैं.
इस पर अदालत के सलाहकार रंजीत कुमार ने अदालत द्वारा दिल्ली में पारेषण और वितरण नुकसान को चोरी तथा डकैती कहे जाने के घटनाक्रम को याद किया. उन्होंने कहा कि 35 फीसदी पारेषण और वितरण नुकसान अब घटकर 10 फीसदी पर आ गया है, जो सामान्य पारेषण तथा वितरण नुकसान के रूप में मान्य है.
अदालत में सुनवाई शुरू होते ही सलाहकार रंजीत कुमार ने अदालत से कहा कि उसने इस मामले का पटाक्षेप करने का फैसला किया है, लेकिन कुछ मुद्दों पर विचार करना अब भी बाकी है.