सुप्रीम कोर्ट ने एक 80 साल की महिला को गलत तरीके से जेल में रखने पर महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है. मनोरंजन कर न देने के मामले में नागपुर में एक 80 साल की महिला समेत दो केबल ऑपरेटरों को न सिर्फ हथकड़ी लगाई गई बल्कि चार दिनों तक कैदियों के बीच जेल में ठूस दिया गया. कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, 'इस देश में कानून व्यवस्था है कि नहीं.'
गौरतलब है कि नागपुर में केबल का काम करने वाली आशा उमाले और नितिन नोकरिया को मनोरंजन कर ना जमा करने के मामले में 24 मार्च 2015 को घर से गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों को हथकड़ी लगाई गई और जेल भेजकर कैदियों के बीच रखा गया. इस बीच दोनों के रिश्तेदारों की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में हैबियस कोरपस याचिका दायर की गई. वहीं नागपुर के कलेक्टर ने दोनों को एक-एक लाख रुपये जमा करने को कहा और चार दिन जेल में रहने के बाद दोनों ने रुपये जमा कराए जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है और सरकार को भी चाहिए कि इसे गंभीरता से ले. इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि इन लोगो की गिरफ्तारी किसके कहने पर हुई. इधर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले का यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि कलेक्टर इस मामले में कोई फैसला लें. अब मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है.