इच्छामृत्यु यानी कि वॉलिटरी पैसिव यूथेनेशिया के मामले में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया है. मरने की स्थिति में पहुंच चुकी एक महिला ने ये याचिका दायर की थी.
इस महिला मरीज की चिकित्सीय रूप से ठीक होने की संभावना खत्म हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी.सतशिवम की पीठ ने मामले को स्थानांतरित करते हुए कहा कि अरुण शानबाग के इच्छामृत्यु मामले में कोर्ट द्वारा पूर्व में सुनाया गया फैसला एक निश्चित प्रक्रिया पर आधारित था, जो स्पष्ट नहीं है.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह किसी तरह के निर्देश नहीं दे रहे और मामले के हर आयाम की सुविस्तृत तरीके से जांच के लिए इसे संविधान पीठ को स्थानांतरित कर रहे हैं.