संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट ने और मोहलत देने से इनकार कर दिया है. अब संजय दत्त को 16 मई को शाम 4 बजे तक सरेंडर करना होगा.
दरअसल, दो फिल्म निर्माताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर किया था कि संजू बाबा के सरेंडर की मियाद बढ़ाई जाए. उन्होंने फिल्म का काम पूरा न होने का हवाला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'पुलिसगीरी' और 'वसूली' के निर्माताओं की अर्जी को खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि 1993 मुंबई ब्लास्ट को लेकर 21 मार्च को आर्म्स एक्ट (गैरकानूनी रूप से हथियार रखने के लिए) के तहत संजय दत्त की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया था. न्यायालय ने दत्त को पांच साल कैद की सजा सुनाई थी. वह पहले 18 महीने जेल की सजा काट चुके हैं और अब उन्हें जेल में साढ़े तीन साल की और सजा काटनी है. इस फैसले के बाद इस बॉलीवुड अभिनेता ने अपनी फिल्मों की शूटिंग खत्म करने के बाद आत्मसमर्पण करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें समर्पण करने के लिए चार हफ्तों की मोहलत दी थी.
सरेंडर के लिए मोहलत मिलने के बाद संजय दत्त ने सु्प्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जिसे खारिज कर दिया गया.
क्या है मामला?
संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था. ये हथियार उन्हीं विस्फोटक सामग्री और हथियारों की खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई बम धमाकों में किया गया था. इन धमाकों में 257 व्यक्ति मारे गये थे और 700 से ज्यादा जख्मी हो गए थे. मुंबई की टाडा अदालत ने 6 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर 5 साल कर दिया था.