आतंकवादी देवेंद्रपाल सिंह भुल्लर की मौत की सजा बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने फांसी की सजा को घटा कर उम्र कैद में तब्दील कर देने की फरियाद की थी.
भुल्लर को 1993 में दिल्ली में धमाका करने का दोषी पाया गया था. इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि कांग्रेस नेता एमएस बिट्टा जख्मी हो गए थे.
साल 2003 में भुल्लर ने फांसी की सजा पाने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दी थी. उस दया याचिका पर 10 सालों में कोई फैसला नहीं हो सका. फैसले में इसी देरी को आधार बनाते हुए भुल्लर ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उसकी सजा घटा कर उम्र कैद में तब्दील कर दी जाए.
इस फैसले का असर कुछ और मामलों पर पड़ेगा, जिसमें राजीव गांधी के चार हत्यारे भी शामिल हैं.