सुप्रीम कोर्ट ने कहा है किसानों की स्थिति सुधारने के लिए सरकारों को योजनाएं कागज से निकालकर ज़मीन पर लागू कराना होगा. किसानों की आत्महत्या के बढ़ते हुए मामलों पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने कहा कि, 'हालांकि सरकारें अच्छा काम कर रही हैं, लेकिन किसानों के आत्महत्या के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं.'
केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए काफी क़दम उठाये गए हैं, लेकिन इस समस्या को रातो-रात दूर नहीं किया जा सकता. सरकार ने कहा कि जो योजनाएं उसने शुरू की हैं, उनका असर दिखने में कम से कम साल भर का वक़्त लगेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलीलों पर सहमति जताई.
छह माह बाद होगी सुनवाई
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो वरिष्ठ वकील कोलीन गोनज़ल्वेस के सुझावों पर गौर करें ताकि किसानों की आत्महत्या के मामलों को कम किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने कहा वो याचिका पर 6 महीने बाद विस्तृत सुनवाई करेगा.
CRANTI नाम की गैर सरकारी संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कहीं. CRANTI ने गुजरात में किसानों की आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए ज़रूरी निर्देश की मांग के लिए दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरे देश के किसानों की खराब हालात के मद्देनजर देशव्यापी बना दिया था और सभी राज्यों से जवाब मांगा था.