सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर वायु यात्रा पर किसी स्टार प्रचारक का खर्च उम्मीदवार के रूप में उसके निजी चुनावी खर्च के रूप में जोड़ा नहीं जाएगा.
जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मध्यप्रदेश के एक विधायक के खिलाफ दायर एक चुनावी याचिका में दर्ज खर्च के संदर्भ में इस आधार पर एक पैरा हटाने का आदेश दिया कि स्टार प्रचारक होने के नाते उसे अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर भी राजनीतिक दल के लिए प्रचार अभियान चलाना था. पार्टी ने स्टार प्रचारकों के नामों की जानकारी चुनाव आयोग को दी थी.
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के अनुसार राजनीतिक पार्टी के कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए यात्राओं पर स्टार प्रचारक के खर्च को उसके निजी खर्चे में शामिल नहीं किया जाता.
यह आदेश मध्य प्रदेश से कांग्रेस विधायक और दिवंगत केंद्रीय नेता अर्जुन सिंह के बेटे अजय अर्जुन सिंह की ओर से दायर याचिका पर फैसले में दिया गया. चुरहट विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिंह ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें 2013 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हारे हुए बीजेपी उम्मीदवार शारदेंदु तिवारी की चुनाव याचिका खारिज करने से इनकार कर दिया गया था. सिंह ने यह चुनाव 19,356 मतों से जीता था.
तिवारी ने दलील दी थी कि सिंह ने अपना वह वास्तविक खर्च नहीं बताया है जो 20 नवंबर 2013 को जिला मुख्यालय सीधी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा के आयोजन के दौरान हुआ था.