सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायपालिका की कार्यवाही हिन्दी राजभाषा में करने के लिये संविधान में संशोधन का केन्द्र को निर्देश देने के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया.
जस्टिस एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये सहमति देते हुये संविधान के अनुच्छेद 348 में संशोधन के लिए केन्द्र सरकार से जवाब मांगा. संविधान का अनुच्छेद 348 कहता है कि सुप्रीम कोर्ट और सभी हाई कोर्ट की सारी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी.
याचिकाकर्ता अधिवक्ता शिव सागर तिवारी ने कहा कि उच्च न्यायपालिका में अंग्रेजी भाषा का प्रयोग ब्रिटिश हुकूमत की विरासत है जिसका अब त्याग कर देना चाहिए.
उन्होंने इस भाषा को गुलामी की भाषा करार दिया. याचिका में कहा गया है कि अब समय आ गया है कि संविधान के अनुच्छेद 343 में दी गयी परिभाषा के अनुसार शीर्ष अदालत की भाषा राष्ट्र भाषा होनी चाहिए और इसके लिये संविधान में संशोधन करना होगा.