सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को सांसदों और विधायकों से संबंधित केसों को एक साल में निपटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर आरोप तय होने के एक साल के अंदर केस नहीं निपटाया गया तो निचली अदालत के जज को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इसकी वजह बतानी होगी.
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सांसदों और विधायकों से संबंधित केस की सुनवाई हर रोज होनी चाहिए. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश एक एनजीओ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
कोर्ट ने कहा है कि Representation of People's Act की धारा 8(1), 8(2), 8(3) के तहत दर्ज किए गए केस की सुनवाई एक साल में पूरी हो जानी चाहिए. इसमें ऐसे केस भी शामिल हैं जिसमें 2 या उससे ज्यादा वक्त की सजा हो सकती है. जैसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान और दो समुदायों के बीच कटुता पैदा करना.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को चुनावी राजनीति की सुधार प्रक्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया था जिसके मुताबिक 2 साल या उससे अधिक वक्त के सजायाफ्ता विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाएगी.