पूरी दुनिया में 'पेपर क्वीन' के नाम से मशहूर और और स्कॉटलैंड की जानी-मानी कारोबारी पूनम गुप्ता ने यमुना नदी की सफाई को लेकर इच्छा जाहिर की है. पूनम का कहना है कि यमुना की सफाई में योगदान देना चाहती हैं. भारत में नदियों के संरक्षण और भूमिगत जल की सफाई के क्षेत्र में पूनम गुप्ता उतर रही हैं. उनका मानना है कि गंगा, यमुना और ताजमहल भारत की पहचान है.
'पेपर क्वीन' का मानना है कि गंगा के संरक्षण के लिए काफी काम सरकार कर रही है. ताजमहल के संरक्षण के लिए भी सुप्रीम कोर्ट लगातार आदेश दे रहा है. लेकिन यमुना की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. पूनम ने कहा,' मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. जिंदगी के शुरुआती 25 साल मैंने राजधानी में ही गुजारे हैं और अब जब मैं नदियों और अंडरग्राउंड वाटर को साफ करने की टेक्नोलॉजी लेकर भारत आ रही हूं तो मेरी प्राथमिकता में यमुना सबसे ऊपर है.'
पूनम गुप्ता यमुना के पानी की सफाई और अपनी नई टेक्नोलॉजी को लेकर काफी उत्साहित हैं. इस दिशा में हरियाणा सरकार से उनका करार हो चुका है. वह कहती हैं, 'खट्टर सरकार ने हमें काम करने के लिए न केवल प्रोत्साहित किया है बल्कि काफी सुविधाएं भी मुहैया कराई हैं. हरियाणा के बाद अब हम उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों से इसी तरह की मदद चाहते हैं ताकि पानी को साफ किया किया जा सके और नदियों को बचाया जा सके.'
जानकारी के मुताबिक पूनम बहुत छोटी यात्रा पर आगरा पहुंची थीं. स्कॉटलैंड में पीजी पेपर्स नाम की कंपनी की सीईओ पूनम गुप्ता भारत और स्कॉटलैंड के बीच कारोबारी संबंध बढ़ाने की कोशिश में एक लघु प्रतिनिधिमंडल लेकर भारत आई थीं. इस कड़ी में उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी और पीयूष गोयल समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की.
पूनम बताती हैं, 'अब हम पूर्ण प्रतिनिधिमंडल लेकर नवंबर में आएंगे. मुझे लगता है कि भारत और स्कॉटलैंड के बीच कारोबार की असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें अभी टटोला नहीं गया. सभी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने हमें भरोसा दिया है कि वह दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे.'
पूनम गुप्ता स्कॉटलैंड में एक फिल्म सिटी बनाने की कोशिशें भी कर रही हैं ताकि बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग वहां की जा सके. पूनम कहती हैं, बॉलीवुड जिस तरह बढ़ रहा है, उसमें स्कॉटलैंड उसे शूटिंग की कई बेहतरीन जगह उपलब्ध करा सकता है और इसी दिशा में हम काफी कोशिश कर रहे हैं. मुझे कई बार अफसोस होता है कि ताजमहल जैसी कोई इमारत स्कॉटलैंड के पास नहीं है लेकिन फिर भी हम ऐसी लोकेशन भारतीय निर्माताओं को उपलब्ध करा सकते हैं, जो अभी तक बड़े पर्दे पर देखी नहीं गईं है.
पूनम कई नए भारतीय स्टार्टअप्स में भी भागीदार हैं. वह 2002 में भारत से स्कॉटलैंड गई थीं. जहां एक कमरे से शुरू की गई उनकी पीजी पेपर्स अब दुनिया की सबसे बड़ी पेपर कंपनियों में शुमार हो चुकी है. 2017 में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने कारोबार और चैरिटी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर' यानी ओबीई नियुक्त किया है.
साल 2015 और 2017 में पूनम और उनके पति एशियाई हाथियों के संरक्षण के लिए मदद जुटाने के लिए राजस्थान में एक ऑटो रिक्शा रेस का आयोजन कर चुके हैं. पूनम कहती हैं, चैरिटी के इस तरह के कार्यक्रमों से काफी रकम जुटाई जा सकती है और अब मैं योजना बना रही हूं कि यमुना की बदहाली पर देश का ध्यान आकर्षित करने और उसके लिए मदद जुटाने के लिए कोई ऐसा ही चैरिटी कार्यक्रम आयोजित करूं.