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सेबी ने कोई पाबंदी नहीं लगाईः अनिल अंबानी समूह

अनिल अंबानी समूह ने स्पष्ट किया है कि बाजार नियामक सेबी की जांच का निपटान कंपनी की स्वैच्छिक शर्तों पर हुआ है. बाजार नियामक ने रिलायंस इन्फ्रा और आरएनआरएल या उसके निदेशकों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है.

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अनिल अंबानी समूह ने स्पष्ट किया है कि बाजार नियामक सेबी की जांच का निपटान कंपनी की स्वैच्छिक शर्तों पर हुआ है. बाजार नियामक ने रिलायंस इन्फ्रा और आरएनआरएल या उसके निदेशकों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है.

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बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को समूह की कंपनियों रिलायंस इन्फ्रा और आरएनआरएल के खिलाफ प्रतिभूति बाजार नियमों के संभावित उल्लंघन मामले को शुल्क लेकर निपटाने की घोषणा की थी. इसके साथ ही इन कंपनियों पर 2012 तक शेयर बाजार में निवेश पर रोक लगा दी गई थी. साथ ही अनिल अंबानी सहित कंपनी के निदेशकों पर शेयरों में दिसंबर 2011 तक निवेश करने पर रोक लगाने का फैसला किया गया था.

समूह ने शनिवार को कहा कि सेबी ने इन कंपनियों या उनके निदेशकों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है और इस मामले को स्वैच्छिक शर्तों के आधार पर निपटाया गया है.

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘कंपनी या उसके निदेशकों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगा है. जैसा कि सेबी के आदेश में कहा गया है कि यह मामला आपसी सहमति से निपटाया गया है.’ कंपनी का यह बयान शुक्रवार के सेबी के आदेश के बाद आया है. सेबी ने इन कंपनियों से 50 करोड़ रुपये का शुल्क भरवा कर इनके खिलाफ जांच खत्म करने की घोषणा की थी.

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{mospagebreak} समूह ने कहा है कि शर्त के अनुसार, 50 करोड़ रुपये का शुल्क कंपनी के निदेशक ही चुकाएंगे और इससे इन कंपनियों पर किसी तरह का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा.

सेबी के आदेश के अनुसार, इन कंपनियों के चेयरमैन अनिल अंबानी और चार अन्य निदेशकों ने कुछ शर्तों के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश न करने की पेशकश की थी. ऐसे मामलों को निपटाने के लिए जांच के दायरे वाली कंपनियां मामले को निपटाने के लिए प्रस्ताव रखती हैं और यह सेबी पर निर्भर करता है कि वह इन शर्तों को स्वीकार करे या नहीं.

रिलायंस इन्फ्रा और आरएनआरएल जहां शेयर बाजार में 2012 तक निवेश नहीं कर सकेंगी, वहीं अनिल अंबानी और अन्य निदेशक दिसंबर, 2011 तक शेयरों में निवेश नहीं कर सकेंगे.

हालांकि, इन कंपनियों और अधिकारियों के म्यूचुअल फंड, प्राथमिक बाजार, पुनखर्रीद और खुली पेशकश पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. सेबी के आदेश में जिन अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं उनमें रिलायंस इन्फ्रा के उपाध्यक्ष सतीश सेठ और तीन निदेशक एस सी गुप्ता, ललित जालान और जे पी चलसानी शामिल हैं.

यह मामला इन कंपनियों द्वारा अनिल अंबानी समूह की एक अन्य कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर सौदों से जुड़ा है. इसके अलावा इन कंपनियों द्वारा विदेशी निवेश नियमों के कथित उल्लंघन की भी जांच की जा रही थी.

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