बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार से शुरू होगा. विवादास्पद भूमि अधिग्रहण बिल समेत कुछ मुद्दों को लेकर यह सत्र हंगामेदार होने की संभावना है और ऐसे में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने बीजेपी सांसदों से पूरे समय सदन में मौजूद रहने को कहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को उम्मीद जताई कि यह सत्र सार्थक रहेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से संसद का कामकाज 125 फीसदी हो गया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सत्र परिणामों से परिपूर्ण होगा. संसद में विपक्ष द्वारा कामकाज नहीं होने देने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, अगर विपक्ष सरकार पर हमला करता है तो यह और ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. हालांकि संसद के अंदर यह भयावह हो सकता है.
भूमि बिल पर नजर
बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सभी की नजरें इस बात पर रहेंगी कि भूमि बिल को सरकार पास कराने में कामयाब हो पाती है या नहीं. कांग्रेस समेत विपक्ष की ज्यादातर
पार्टियों ने मोदी सरकार के इस बिल के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है. इस बिल को उस अध्यादेश का स्थान लेना था जो दिसंबर में जारी किया गया था. सोनिया गांधी
के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने वह मूल भूमि विधेयक पारित करने की मांग की थी, जो यूपीए सरकार के दौरान पारित किया गया था. सरकार ने फिर से अध्यादेश जारी
करने के लिए मार्च के आखिरी सप्ताह में राज्यसभा का सत्रावसान कर दिया था. सरकार के लिए अध्यादेश का स्थान लेने वाले बिल को पारित कराना बजट सत्र के दूसरे
हिस्से और 23 अप्रैल को शुरू हो रहे राज्यसभा के नए सत्र में भी मुश्किल काम लग रहा है. कांग्रेस के साथ-साथ इस बिल के खिलाफ जनता परिवार की पार्टियां भी
एकजुट हैं.
13 मई तक चलेगा सत्र
सोमवार को सत्र शुरू होने पर लोक सभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू के निधन और यहां निचले सदन के दो पूर्व सांसदों के निधन का
उल्लेख करेंगी और सदन में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. बजट सत्र का पहला हिस्सा 20 फरवरी से 20 मार्च तक चला था. दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया था
ताकि मंत्रालय की स्थाई समितियां संबंधित मंत्रालय अनुदानों की जांच-पड़ताल कर सकें. इसके बाद राज्यसभा के 234वें सत्र का सत्रावसान कर दिया गया था. यह सत्र
13 मई को खत्म होगा.
-इनपुट भाषा से