वक्त डिटिजल क्रांति का है. हम पहला चरण पार कर चुके हैं. जल्द ही दूसरा फेज आएगा. ऐसा कहना है फ्रांसिसी कंपनी एसटी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के सुपरवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन डिडियेर लोम्बार्ड का. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उन्होंने दावा किया कि कई लोग कहते हैं डिजिटल क्रांति अपने अंतिम चरण में है. पर वे ऐसा नहीं सोचते. अभी तो पहला फेज पूरा हुआ है. आगे और बड़ी क्रांति आएगी.
मौका था सत्र 'सॉफ्ट पावर या डिफिकल्ट डेस्टिनेशन' का. इस सेशन में माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने भी अपनी कंपनी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि आज भारत में स्मार्टफोन बेचने वाले वाली कंपनियों में दूसरे नंबर पर काबिज माइक्रोमैक्स मोबाइल की शुरुआत एक छोटे से ट्रिप से हुई थी. 2008 में पहली बार हमने मोबाइल बनाने के बारे में सोचा. बहुत मुश्किलों का सामना किया. मेरे साथियों ने मुझपर सवाल उठाए. हमने पहली बार 10 हजार फोन बनाए जो एक महीने का बैट्री बैकअप देते थे. मात्र एक महीने के अंदर सारे फोन बिक गए.
इसी तरह से एक बार डबल सिम का आइडिया आया. यह मार्केट में हिट हो गया. तब पता चला कि मोबाइल का बड़ा मार्केट है. उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करते रहो, आगे बढ़ते जाओ. स्मार्टफोन के मामले में हम आज भारत में दूसरे नंबर पर हैं. हाल में पांच देशों में अपना फोन लॉन्च किया. हार्डवेयर बिजनेस में किसी भी भारतीय कंपनी ने अभी तक पूरी दुनिया में अपनी छाप नहीं छोड़ी. हम इस जगह पहुंचना चाहते हैं.'
डिडियेर लोम्बार्ड ने कहा, 'भारत एक बेहतरीन जगह है. हमारे सामने नई परिस्थितियां हैं. कई कंपनियां तकनीक के मामले में आगे हैं, वे स्थापित हो चुकी हैं. डिजिटल क्रांति दूसरे फेज में है. मैं यूरोप और भारत की तुलना करूंगा, डिजिटल इकॉनमी के मामले में. दोनों जगहों पर उपभोक्ता की संख्या ज्यादा है. कई प्रतिभाशाली युवा हैं. दोनों जगह पर हर दिन नए कॉन्सेप्ट और उपकरण सामने आते हैं. हमें इसका इस्तेमाल करना होगा. हम ग्लोबल इकॉनिमी का हिस्सा हैं. हर कोई डिजिटल उपकरण पर काम कर रहा है. सरकारें डिजिटल हो गई हैं. कई लोग सोचते हैं कि हम आखिरी मुहाने पर हैं. पर मैं ऐसा नहीं मानता. धीरे-धीरे हमारे लिए चीजें और आसान होती जाएंगी.'