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मोदी सरकार के सामने नई 'चुनौती', विरोध के बीच पास करवाने होंगे 6 विधेयक

बजट के बाद मिली जुली प्रतिक्रिया का सामना कर रही मोदी सरकार सोमवार को नए 'दंगल' में कूदेगी. भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर विपक्ष, किसानों और समाजसेवी अन्ना हजारे के विरोध को झेल रही सरकार संशोधित बिल को पास करवाने की कोशिश करेगी.

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पीएम मोदी
पीएम मोदी

बजट के बाद मिली जुली प्रतिक्रिया का सामना कर रही मोदी सरकार सोमवार को नए 'दंगल' में कूदेगी. भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर विपक्ष, किसानों और समाजसेवी अन्ना हजारे के विरोध को झेल रही सरकार संशोधित बिल को पास करवाने की कोशिश करेगी.

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संसद के चालू बजट का सोमवार से दूसरा सप्ताह शुरू हो रहा है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि इन विधेयकों को पारित कराना सरकार की प्राथमिकता रहेगी. लोकसभा और राज्यसभा की कार्य समितियों ने संसद सत्र के दूसरे सप्ताह के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित विधायी कार्य पर विचार किया है और विभिन्न विधेयकों के लिए समय निर्धारित किया गया है. इसके अलावा विभिन्न मुद्दों पर जारी छह अध्यादेशों की जगह लेने वाले विधेयक को भी लोकसभा में पेश किया जाएगा.

अन्ना का विरोध जारी
समाजसेवी अन्ना हजारे ने भूमि अधिग्रहण बिल पर मोदी सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है. अन्ना भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ वर्धा से दिल्ली तक रोड मार्च निकालेंगे. अन्ना 9 मार्च को बर्धा से अपना रोड मार्च शुरू करेंगे. अन्ना हजारे के साथ मेधा पाटकर भी होंगी.

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भारतीय मजदूर संघ भी करेगा विरोध
भारतीय मजदूर संघ सामवोर को मोदी सरकार के बजट का विरोध करेगी. संघ ने मोर्चा निकालने की तैयारी कर ली है. संघ ने सरकार पर बजट में नौकरीपेशा वर्ग का ध्यान नहीं रखने का आरोप लगाया है.

इन अध्यादेशों पर रहेगी सरकार की नजर
सोमवार को संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2015 और खनन एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक 2014, पहले ही विचारार्थ और पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किए जा चुके हैं. मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 और कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2015, दो अन्य विधेयक हैं, जिन्हें अध्यादेशों के स्थान पर सोमवार को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जबकि बीमा कानून (संशोधन) अध्यादेश के स्थान पर विधेयक तीन मार्च को लोकसभा में पेश किया जाएगा.

आंध्र प्रदेश, पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2015 सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. सरकार संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2015, जो राज्यसभा द्वारा पिछले सप्ताह पारित किया जा चुका है, लोकसभा में विचारार्थ पेश करने और पारित कराने पर भी विचार कर रही है. राज्यसभा ने सार्वजनिक स्थान (अनधिकृत कब्जे खाली कराना) संशोधन विधेयक, 2014 भी पारित कर दिया है, जिसे लोकसभा ने पिछले शीतकालीन अधिवेशन में पारित कर दिया था.

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पिछले हफ्ते कुछ बिलों पर सरकार रही थी विफल
सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2014 भी पारित कराना चाहती है. संविधान के प्रावधानों के अनुसार सभी छह अध्यादेशों के स्थान पर पांच अप्रैल, 2015 तक संसदीय अधिनियम बनाने की आवश्यकता है. सरकार पिछले सप्ताह विपक्षी पार्टियों के विरोध की वजह से राज्यसभा में खुली नीलामी के जरिए कोयला ब्लॉकों के आवंटन, ई-रिक्शा और बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने संबंधी तीन विधेयकों को वापस लेने में विफल रही थी.

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