भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी गई है. भारत ने अपने पड़ोसी मुल्क को बेलाग संदेश दिया है कि वह कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बात करके भारत के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त की अलगाववादी नेता शब्बीर शाह से हुई मुलाकात और अन्य अलगाववादी नेताओं से होने वाली मीटिंग के मद्देनजर वार्ता रद्द की गई है. भारत सरहद पर सीमापार से गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं से भी नाराज है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों को पाकिस्तान ने नीचा दिखाया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'अलगाववादियों से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की बातचीत ठीक नहीं. अलगाववादियों से बातचीत से माहौल बिगड़ा है. ऐसे माहौल में सचिव स्तर की बातचीत का कोई फायदा नहीं है. सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत से ही मसले का हल संभव है. यह बातचीत शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र के दायरे में होनी चाहिए.'
प्रवक्ता ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में किसी तरह का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भारत की ओर से बातचीत की संजीदा कोशिश की गई. भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह 25 अगस्त को इस्लामाबाद में अपने समकक्ष एजाज अहमद से मुलाकात करने वाली थीं.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बातचीत रद्द करने के सरकार के फैसला को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. पाकिस्तान और वहां की अन्य ताकतें नहीं चाहती हैं कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य रहें.
दोपहर में दी गई थी पाक को चेतावनी: सूत्र
पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की अलगाववादी नेताओं से मुलाकात के विरोध में आज नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर हिंदू
संगठनों ने प्रदर्शन भी किया. सूत्रों के मुताबिक भारत ने दोपहर में ही पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि उनके उच्चायुक्त अलगाववादी नेताओं से मुलाकात न करें.
सुजाता सिंह ने पाकिस्तान से साफ तौर पर कहा था कि वह इस बात का चुनाव कर ले कि उसे भारत से बात करनी है या अलगाववादियों से, इसके बावजूद यहां पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने अलगाववादियों से बात की. एलओसी के आसपास की घटनाओं के चलते दोनो देशों के बीच बातचीत का सिलसिला तकरीबन दो साल पहले थम गया था.
बातचीत रद्द होने पर पाकिस्तान ने इसे दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए झटका करार दिया है. पाकिस्तान का कहना है कि द्विपक्षीय बातचीत से पहले कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बैठक का प्रचलन रहा है.