सरकार द्वारा तय समयसीमा के एक दिन पहले ब्लैकबेरी निर्माता कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ने सोमवार को झुकते हुए अपनी सभी सेवाओं पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के तत्काल प्रभाव से एक्सेस का वायदा कर दिया.
आतंकवादियों द्वारा ब्लैकबेरी सेवाओं का इस्तेमाल कर देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने की चिन्ताओं के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने ब्लैकबेरी निर्माता कंपनी रिम को 31 अगस्त तक की समयसीमा देते हुए आगाह किया था कि इस समयावधि में यदि उसने सुरक्षा एजेंसियों को अपनी मैसेंजर और इंटरप्राइज सेवाओं पर एक्सेस मुहैया नहीं कराया तो अगले ही दिन से भारत में उसकी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
ब्लैकबेरी सेवाओं पर सुरक्षा एजेंसियों के एक्सेस से उन्हें किसी भी व्यक्ति के फोन और संदेश टैप करने में आसानी होगी और आतंकवादियों द्वारा इन सेवाओं का इस्तेमाल करने की स्थिति में उनकी साजिश का पर्दाफाश भी किया जा सकेगा. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, ‘रिम ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एक्सेस के लिए कुछ प्रस्ताव दिये हैं, जिन्हें तत्काल लागू किया जाएगा. कंपनी द्वारा मुहैया कराये गये समाधान की व्यवहार्यता का आकलन बाद में होगा.’ रिम सुरक्षा एजेंसियों को पूर्ण डाटा एक्सेस प्रदान करेगी.{mospagebreak}ब्लैकबेरी सेवाओं से सुरक्षा मसलों की समीक्षा 60 दिन में की जाएगी और इस बीच दूरसंचार विभाग (डीओटी) भारत में स्थापित सर्वर के जरिए ऐसी सेवाएं मुहैया कराने की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा. भारत में 900 से अधिक निगमित घराने और कंपनियां तथा लगभग दस लाख लोग ब्लैकबेरी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं.
उल्लेखनीय है कि ब्लैकबेरी निर्माता कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञों ने सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात कर एक्सेस से जुडे तकनीकी पहलुओं पर व्यापक विचार विमर्श किया है. मंत्रालय ने कहा था कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट मिलने के बाद वह कोई अंतिम फैसला करेगा. गृह मंत्रालय की चेतावनी के बाद रिम ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ कई दौर की बैठकें कीं और कई प्रस्तुतिकरण दिये. कंपनी ने मैनुएल एक्सेस का प्रस्ताव भी रखा था, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने यह कहकर नकार दिया था कि वह किसी व्यक्ति का फोन टैप करने से जुडी जानकारी कंपनी या किसी अन्य पक्ष के साथ नहीं बांट सकती.