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'आज तक' के रिएलिटी टेस्ट में दिल्ली की सुरक्षा फिर फेल

बस से आज तक के रिएलिटी टेस्ट में दिल्ली की सुरक्षा में कई जगहों पर कई रास्तों पर हमे ऐसी खामियां मिली जो अभी भी सरकारी मंत्रियों और सरकारी अफसरों के दावों की पोल खोल रही हैं. यानी अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है.

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17 दिसंबर की रात दिल्ली की सड़क पर दौड़ती एक बस में 6 दरिंदे लड़की का सामूहिक बलात्कार करते हैं. देश भऱ में गुस्से का उबाल उठता है और देश के गृहमंत्री दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा को बढ़ाने का दावा करते हैं. सरकारी दावे को परखने के लिए आजतक की टीम बस के जरिए रिएलिटी टेस्ट के लिए बीती पूरी रात दिल्ली की सड़कों पर सफेद रंग की काले शीशे वाली बस में निकली.

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17 दिसंबर की रात दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती एक बस में इंसान की शक्ल में 6 भेड़ियों ने एक बेगुनाह लड़की पर जो दरिंदगी दिखाई है उसके खिलाफ पूरा देश आक्रोश में है. देश के हर शहर हर सड़क पर भड़क रहे गुस्से के बाद देश के गृहमंत्री को भरोसा देना पड़ा कि वे देश की राजधानी दिल्ली की सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त करेंगे और वो भी खासकर रात के वक्त.

दिल्ली की लड़कियों और महिलाओं के नाम केंद्रीय गृहमंत्री का भरोसा बड़ा था. आजतक के संवाददाताओं ने इसका रिएलिटी टेस्ट किया और इसकी शुरुआत ठीक उसी जगह से हुई जहां 17 दिसंबर की रात मौत से जंग लड़ रही उस लड़की की तबाही की दास्तान शुरु हुई थी. क्या रात के वक्त अब दिल्ली की सड़कों पर महिलाएं महफूज हैं

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रात के करीब साढ़े 11 बजे दक्षिण दिल्ली के मुनीरका इलाके से वैसी की सफेद रंग और काले शीशे वाली बस में हमारा रिएलिटी टेस्ट का सफऱ शुरु हुआ. हमारा मकसद साफ था कि क्या उस दिल दहलाने वाले हादसे और देश के गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के दावे के बाद दिल्ली की सड़कों पर मुस्तैदी और चौकसी बढ़ी है. क्या रात के वक्त अब दिल्ली की सड़कों पर महिलाएं महफूज हैं. कुछ दूर पर चलने पर सामने एक बैरिकेडिंग दिखाई देती है. बैरिकेडिंग तो लगी थी लेकिन चेकिंग पूरी और सही तरीके से नहीं हुई. हमारा सफर वसंत विहार के करीब पहुंच चुका था लेकिन रास्ते में कहीं भी किसी भी तरह किसी पुख्ता चैकिंग से सामना नहीं हुआ. दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक वसंत विहार लेकिन तमाम दावों के बाद अभी भी उनमे दम उतना नहीं दिखाई दे रहा था.

हमने सोचा कि हो सकता है आगे रास्ते में कहीं कोई बैरिकेडिंग हमारा रास्ता रोकेगी. हमारी बस सरपट उन रास्तों से होकर बेरोक टोक गुजरती जा रही थी जिन रास्तों से 17 दिसंबर की रात उन दरिंदों की बस भी गुजरी थी. हम महिपालपुर की ओर बढ़ रहे थे. तभी सामने एक बैरिकेडिंग दिखाई देती है. महिपालपुर से पहले इस बैरिकेडिंग पर भी कोई चेकिंग नहीं होती है और बड़े आराम से बस को आगे जाने दिया जाता है.

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सफर कुछ और आगे बढ़ता है और आखिरकार हम मुनीरका से करीब 10 किलमोटीर का सफर शुरु करके महिपालपुर पहुंचे. ठीक उसी जगह पर जहां हैवानियत और दरिंदगी का खेल खेलने के बाद 6 दरिंदों ने लड़की और लड़के को फेंका था. आखिरकार महिपालपुर में रात के करीब सवा 12 बजे हमारी बस पहुंची और यहां चेकपोस्ट पर पुलिस ने हमारी बस में घुसकर चेक करना शायद मुनासिब समझा. यहां पुलिस की अच्छी खासी मौजूदगी थी और हर गाड़ियों पर बारीक नजर रखी जा रही थी लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी था.

मुनीरका से महिपालपुर तक का रिएलिटी टेस्ट तो पूरा हो चुका था. सफर में कई जगह सुरक्षा और चेकिंग में खामियां मिली लेकिन रात के वक्त दिल्ली की सड़कों पर सफेद बस और काले शीशे वाली बस के जरिए आजतक का टेस्ट जारी था. हमने वसंत कुंज से फिर अपना सफर शुरु किया और कई किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आजतक की बस महरौली तक पहुंची. अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि यहां भी कहानी वही मिली. तस्वीर वही सामने आई, बैरिकेडिंग तो कई जगहों पर मिली लेकिन बस रोककर पूछताछ काफी कम जगहों पर हुई.

बस से रिएलिटी टेस्ट पूरा हो चुका था लेकिन कई जगहों पर कई रास्तों पर हमे ऐसी खामियां मिली जो अभी भी सरकारी मंत्रियों और सरकारी अफसरों के दावों की पोल खोल रही हैं. यानी अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है.

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