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नक्सल इलाकों में जाने पर शिकार तो बनेंगे ही सुरक्षाकर्मी: पिल्लै

आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के आठ जवानों की हत्या कर केन्द्रीय सुरक्षा बलों को नक्सलियों द्वारा ताजा धक्का पहुंचाने के बाद केन्द्रीय गृह सचिव जी के पिल्लै ने मंगलवार को कहा कि माओवादी बहुल इलाकों में जाने पर सुरक्षाकर्मियों का शिकार बन जाना अवश्यंभावी है.

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आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के आठ जवानों की हत्या कर केन्द्रीय सुरक्षा बलों को नक्सलियों द्वारा ताजा धक्का पहुंचाने के बाद केन्द्रीय गृह सचिव जी के पिल्लै ने मंगलवार को कहा कि माओवादी बहुल इलाकों में जाने पर सुरक्षाकर्मियों का शिकार बन जाना अवश्यंभावी है.

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केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा कि देश को भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा. पिल्लै ने एक समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘नक्सलवाद एक समस्या है, जैसाकि गृह मंत्री ने कहा कि हमने माओवादियों को कमतर आंका था. अगर हमने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो कम स्तर की हिंसा होगी क्योंकि हम कार्रवाई कर रहे हैं, और जब हम माओवादी बहुल इलाकों में जाएंगे, तो तय बात है कि उनके शिकार बनने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ेगी.’

जब पिल्लै से यह पूछा गया कि हताहतों की संख्या में कितनी बढ़ोतरी होगी, उन्होंने कहा, ‘हमें हताहतों के लिए तैयार रहना होगा.’ शांति प्रस्तावों के बावजूद माओवादियों ने हिंसा के स्तर में बढ़ोतरी की है. दंतेवाड़ा नरसंहार के एक माह बाद नक्सलियों ने शनिवार को बीजापुर में एक आईईडी विस्फोट किया जिसमें सीआरपीएफ के आठ कर्मी शहीद हो गये.

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पिल्लै ने कहा कि नक्सलियों पर केन्द्रीय और राज्य पुलिस बल के संयुक्त अभियानों का दबाव अभी नहीं पड़ा है. पिल्लै ने कहा, ‘नक्सली तभी वार्ता के लिए आगे आएंगे, जब उन पर जबर्दस्त दबाव पड़ेगा. अभी वे दबाव में नहीं आए हैं.’ उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों की सरकारें केन्द्र के साथ सहयोग कर रही हैं. पिल्लै ने यह भी कहा कि माओवादी समस्या से सर्वाधिक प्रभावित पांच राज्य, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में गैर कांग्रेसी सरकारों का शासन है.

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