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जलीकट्टू: 36 घंटों से सड़कों पर लोगों का प्रदर्शन, देखें तस्वीरें..

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मंगलवार रात को जलीकट्टू के समर्थन में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किए हैं. इस बीच बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया.

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लोगों का जल्लीकट्टू के लिए प्रदर्शन
लोगों का जल्लीकट्टू के लिए प्रदर्शन

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सांडों की लड़ाई के खेल जलीकट्टू से प्रतिबंध हटाने की मांग समूचे तमिलनाडु में फैल गई है. चेन्नई के मरीना बीच पर बुधवार से ही प्रदर्शन हो रहे हैं. राज्य के अलग-अलग हिस्सों से भी विरोध-प्रदर्शन की खबरें हैं. सड़कों पर रोष बढ़ने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने फौरन एक अध्यादेश लाने की मांग करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.

राज्य में लोग सड़कों पर उतर कर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, देखिए तस्वीरें:-

 

हालांकि उन्हें इस मामले में प्रधानमंत्री से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया है. पीएम ने कहा कि मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मरीना बीच पर हो रहे प्रदर्शन के मामले में दाख‍िल याचि‍का पर सुनवाई से इंकार कर दिया है.

 

जबकि अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए कहा कि इस पर प्रतिबंध हटाने के लिये विधानसभा के अगले सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा. मुख्यमंत्री के साथ अन्नाद्रमुक के 49 सांसद भी होंगे. प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेगा.

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तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मंगलवार रात को जलीकट्टू के समर्थन में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किए हैं. इस बीच बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया.



प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी सफाई का भी ध्यान रख रहे हैं, प्रदर्शनकारी सड़कों पर फैले कूड़े को समेट कर रख रहे हैं.

 

विरोध प्रदर्शन में तमिल फिल्म इंडस्ट्री सहित कई अन्य वर्गों के लोग भी शामिल हो गए हैं. कई ट्रेड यूनियन, टैक्सी और ऑटो रिक्शा यूनियन ने भी शुक्रवार को हड़ताल करने की घोषणा की है.

 

पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने इस बीच कहा है कि हमें जल्लीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. संसद सर्वोच्च है और जो कुछ भी आवश्यक निर्णय लेने हैं, वो लिए जाएंगे. यह एक भावुक मुद्दा है और मैं लोगों की भावनाओं को समझता हूं.
जल्लीकट्टू को अपना समर्थन देते हुए पुडुचेरी के व्यावसायिक कॉलेजों सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्र इस खेल पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कक्षाओं से अनुपस्थित रहें. जल्लीकट्टू के समर्थन में तख्तियां और बैनर लिए हुए छात्रों ने एक मानव श्रृंखला बनाई और प्रतिबंध की निंदा करते हुए नारेबाजी की.

 

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