कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और मध्य प्रदेश के गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगामी चुनाव और कांग्रेस पर वंशवाद के आरोपों पर खुलकर अपनी बात रखी. कांग्रेस नेता सिंधिया ने देश के नंबर 1 न्यूज़ चैनल ‘आजतक’ के दोबारा शुरू हुए फ्लैगशिप शो ‘सीधी बात’ में एंकर श्वेता सिंह के बेबाक सवालों के बिना कोई लाग-लपेट सीधे जवाब दिए.
कांग्रेस में वंशवाद के आरोपों के सवाल पर सिंधिया ने कहा, "अगर कोई बिजनेसमैन का लड़का या लड़की बिजनेस में हो, तो उस पर आप कटाक्ष नहीं करेंगे. डॉक्टर का लड़का या लड़की डॉक्टर बने, पर अगर किसी जनसेवक का बेटा या बेटी जनसेवा के मैदान में आए, तो उस पर टिप्पणी की जाती है. देश की कौन सी पार्टी में वंशवाद नहीं है, लेकिन ये सब लोग चुनाव जीतकर आते हैं.''
उन्होंने यह भी कहा कि देश के कौन से राजनीतिक दल में परिवारवाद नहीं हैं? जो चुनाव जीतकर आते हैं, वही रहते हैं. जो चुनाव हार जाते हैं, उनको दरकिनार कर दिया जाता है. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछा गया कि साल 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनका मुकाबला बीजेपी से है या फिर कांग्रेस की अंदरूनी कलह से? इस पर उन्होंने कहा, ''कांग्रेस में गुटबाजी की राजनीति जरूर एक रिएल्टी थी, लेकिन 5, 10, 15 साल पहले. अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व, चाहे वो दिग्विजय सिंह हों या कमलनाथ या सुरेश पचौरी या फिर सत्यव्रत चतुर्वेदी हों, हम सब साथ मिलकर चर्चा करके आगे की रणनीति तय करते हैं.''
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि आगामी चुनावों में मोदी सरकार को आंतरिक सुरक्षा, देश के अंदर के माहौल, विदेश नीति, डोकलाम का मसले, पाकिस्तान के मसले, बेरोजगारी के मुद्दे, महिला सुरक्षा के मुद्दे, डेटा लीक और पेपर लीक के मामले पर जवाब देना होगा. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या साल 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव ही 2019 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे, तो इस पर उन्होंने कहा, ''मेरे लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव वर्तमान में कर्नाटक के चुनाव हैं और उसके बाद चार राज्यों के चुनाव.''