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सांप्रदायिक तनाव की बात हो रही है, लेकिन कारणों पर चर्चा तक नहीं: राम माधव

संघ से बीजेपी में आए राम माधव ने आज तक के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘सीधी बात’ में कहा कि देश में साम्प्रदायिक तनाव की तो बात हो रही है, लेकिन इसके कारणों पर चर्चा नहीं हो रही. उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत का भी बचाव किया. उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमेशा ही संघ प्रमुख के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और यह एक आदत बन गई है.

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Ram Madhav
Ram Madhav

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बीजेपी में आए राम माधव ने आज तक के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘सीधी बात’ में कहा कि देश में सांप्रदायिक तनाव की तो बात हो रही है, लेकिन इसके कारणों पर चर्चा नहीं हो रही. संघ प्रमुख मोहन भागवत का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा ही संघ प्रमुख के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और यह एक आदत बन गई है.

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बीजेपी महासचिव ने मोहन भागवत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हिंदुत्व भारत की सांस्कृतिक पहचान है. उन्होंने कहा, सरकार पूरे देश की होती है, यह किसी धर्म, संप्रदाय या पार्टी की नहीं होती. माधव ने कहा कि संघ हमेशा अपने एजेंडे और विचारों के हिसाब से काम करता है और उसे सरकारें बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा, 'संघ हमेशा अपने विचारों को पूरे देश में लागू करने की कोशिश करता है और इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.'

माधव ने आज तक से कहा, ‘संघ राजनीति से परे है और यह देशहित में काम करने वाला संगठन है.’ उत्‍तर प्रदेश के हालात पर प्रश्नों के जवाब में बीजेपी महासचिव ने कहा कि इसके लिए राज्‍य सरकार जिम्‍मेदार है, न कि बीजेपी या कोई अन्‍य संगठन. आरएसएस से बीजेपी में आने पर उन्‍होंने सफाई देते हुए कहा, एक संगठन से दूसरे में आना-जाना लगा रहता है. गौरतलब है कि राम माधव को हाल ही में अमित शाह की टीम में लाया गया है. इससे पहले वह लंबे समय तक आरएसएस के प्रवक्ता रहे हैं.

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राम माधव ने कहा, ‘जरूरत के मुताबिक मुझे बीजेपी में भेजा गया है. अब बीजेपी में आ गया हूं तो बीजेपी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी जो कहेगी वो करूंगा.’ इसके अलावा उन्‍होंने विश्‍वास दिलाया कि बीजेपी अपने घोषणापत्र को पूरी तरह से अमल में लाएगी.

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