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योगी आदित्यनाथ मेरे बेहतर एडिशन, वो और आगे बढ़ें: उमा भारती

उमा भारती ने कहा, 'योगी जी अभी तक किसी भी सरकार के पद पर नहीं रहे, वो एक मठ में पले बढ़े, बहुत अनुशासित जीवन है उनका, इसलिए मुझे योगी में अपना बेहतर रूप दिखाई देता है, मैं योगी को बहुत दुआएं देती हूं.’

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उमा भारती के साथ योगी आदित्यनाथ, फाइल फोटो (Getty Images)
उमा भारती के साथ योगी आदित्यनाथ, फाइल फोटो (Getty Images)

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'आजतक' के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की. उमा ने कहा कि वह सीएम योगी को अपना बेहतर एडिशन मानती हैं, साथ ही हमेशा उनकी सफलता और आगे बढ़ने के लिए दुआएं करती हैं.

उमा भारती से जब योगी आदित्यनाथ और उनके बीच समानता को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं तो योगीजी को अपना बेहतर एडिशन मानती हूं. मुझसे छोटे हैं ना 13 साल. अभी तक किसी भी सरकार में किसी पद पर नहीं रहे, वो एक मठ में पले बढ़े, बहुत अनुशासित जीवन है उनका, इसलिए मुझे योगी में अपना बेहतर रूप दिखाई देता है, मैं योगी को बहुत दुआएं देती हूं.’

'योगी की राह से हर बाधा हटा दूंगी'

योगी आदित्यनाथ ने क्या उमा भारती की जगह ले ली है? इस सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा, ‘नहीं नहीं, हमारे चार चेहरे दिखाए गए हैं, चुनाव में तो योगी का चेहरा ही नहीं था. चुनाव में तो राजनाथ, कलराज मिश्र, केशव मौर्य और मेरा चेहरा था. मैंने शुरू से ही साफ कह दिया था कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है. मैं तो योगी के रास्ते में कोई बाधा नहीं आने दूंगी और जो बाधा आएगी उसको निर्दयता से हटाऊंगी.’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उमा भारती ने कहा, 'यह मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा समय है, क्योंकि ऐसे व्यक्ति के साथ काम कर रही हूं जिसने भारत की राजनीति में नवाचारों (नए और उपयोगी तरीकों) का प्रयोग किया है.

उमा ने कहा, 'मैं भारत के सभी नेताओं से मिली हूं और उन्होंने मेरे प्रवचन सुने हैं. इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, नेल्सन मंडेला, मार्ग्रेट थैचर, लेकिन मैंने ऐसा व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) नहीं देखा, उत्साह और ऊर्जा से भरा हुआ. वे मुझसे दस साल बड़े हैं, उनसे मैं अपने थकने की बात कहूंगी, ये तो डूब मरने वाली बात है.'

राम मंदिर बनकर रहेगा

राम मंदिर के सवाल पर उमा भारती ने कहा, 'मैंने तो राम मंदिर के लिए जान की बाज़ी लगाई है, मंदिर बनकर रहेगा, राम लला बैठे हैं, वहीं मंदिर बनेगा, कोर्ट के अंदर दो तरह की सुनवाई चल रही है, एक ये कि क्या हमने कोई कॉन्सपिरेसी की, तो मैंने साफ कह दिया कॉन्सपिरेसी की जरूरत तो तब होती है जब चोरी छिपे काम हो रहा हो, खुले आम खड़े हैं गोली खाने के लिए कहां की कॉन्सपिरेसी.'

उमा ने कहा, 'दूसरा कि वो जगह राम जन्मभूमि है कि नहीं, वो प्रमाणित हो गया. मैं कहती हूं कि सभी दलों के नेता बैठ जाएं और बात कर लें क्योंकि वो जगह जो है, हिंदुओं के इष्ट देवता हैं राम, बाबर के मुसलमानों के इष्ट देवता होने की बात नहीं कही जा सकती. आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट भी हो सकता है, वर्ना हम तो कोर्ट के फैसले का इतंज़ार करेंगे, लेकिन जहां रामलला बैठे हैं मंदिर तो वहीं बनेगा.’

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