दिल्ली के विस्फोटक वीरेंद्र सहवाग के दोहरे शतक से प्रफुल्लित उनके कोच ए एन शर्मा ने कहा कि उनके शिष्य की तुलना किसी अन्य क्रिकेटर से करना गलत है, वह एकमात्र ऐसा खिलाड़ी है जो एक दिवसीय और टेस्ट में अपनी शैली बदले बिना आक्रामक खेलना जारी रखता है.
सहवाग ने मुंबई में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट के दूसरे दिन 239 गेंद का सामना करते हुए नाबाद 284 रन बनाये. उन्होंने अपने दोहरे शतक में 40 चौकों और सात छक्के जड़े. सहवाग के नाम दो तिहरे शतक हैं और वह कल रिकार्ड तीसरा तिहरा शतक जमाने की कोशिश करेंगे.
शर्मा ने कहा, ‘‘भारत को सहवाग जैसा ‘कोहिनूर’ कभी नहीं मिलेगा. वह जिस मैच में चल जाता है, उसमें टीम जीत हासिल करती है. वह अद्भुत खिलाड़ी है. उसकी तुलना किसी से मत कीजिये. वह वनडे और टेस्ट दोनों में एक शैली में क्रिकेट खेलता है. टेस्ट में हालांकि काफी समय मिल जाता है, लेकिन वह हमेशा आक्रामक क्रिकेट खेलता है.’’ शर्मा को अब भी एक बात सालती है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने इंग्लैंड श्रृंखला के दौरान सहवाग को छह महीने टीम से बाहर बिठाये रखा.
उन्होंने गुस्से में कहा, ‘‘मैं जब तक जिंदा हूं, तब तक मुझे यही निराशा रहेगी कि इंग्लैंड श्रृंखला के दौरान सहवाग को छह महीने बाहर क्यों रखा गया. यह चयनकर्ताओं की बड़ी भूल थी. रिकार्डों के बादशाह सचिन तेंदुलकर की बराबरी के सवाल पर शर्मा ने कहा, ‘‘काश वह भी 16 साल की उम्र में खेला होता तो ऐसा मुमकिन हो सकता था. फिर शायद सचिन का रिकार्ड उसके सामने कुछ नहीं होता. लेकिन उसने अंडर 19 में शुरूआत की, जिसके लिये हमने डीडीसीए चयनकर्ताओं से काफी मिन्नत की थी. उसे एक मौका दिया गया और वह अब वहां से इस मुकाम तक पहुंच गया है.’’ ‘मुल्तान के सुल्तान’ के कोच को हालांकि थोड़ा डर भी लग रहा है कि कहीं उसकी कमर में कुछ समस्या न हो जाये क्योंकि क्रीज पर जमे रहकर तिहरा शतक जड़ना आसान काम नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘वह थोड़ा सी असहज महसूस कर रहा था. मुझे डर है कि उसकी पीठ में खिंचाव न हो जाये.’’ सहवाग ने हर देश के खिलाफ भारतीय और विदेशी सरजमीं पर शानदार बल्लेबाजी की है. शर्मा ने कहा, ‘‘वह आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ एक जैसा आक्रामक खेलता है.’’ यह पूछे जाने पर कि वह सहवाग से किस तरह की बातें करते हैं तो शर्मा ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ उसकी कमियों के बारे में उसे बताता रहता हूं. जब वह आउट होता है तो मैं उसे पूछता हूं कि उसने ऐसा स्ट्रोक क्यों खेला.’’