भारत-अमेरिका परमाणु करार को सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने मंजूरी दे दी. समिति ने मंगलवार दोपहर हुई अपनी बैठक में समझौते को बहुमत के साथ मंजूरी दे दी.
समिति में हुए मतदान में करार के समर्थन में 19 वोट पड़े जबकि विरोध में केवल दो ही वोट पड़े. केवल विस्कोसिन और कैलिफोर्निया के डेमोक्रेट सीनेटरों रसेल फिनगोल्ड तथा बारबरा बॉक्सर ने इसके विरोध में मतदान किया. फिनगोल्ड द्वारा भारत को परमाणु ईंधन के पुन:प्रसंस्करण की तकनीक बेचने पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया एक मात्र संशोधन रद्द हो गया.
सीनेट समिति द्वारा मंजूरी दिए जाने को करार के पारित होने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बुश प्रशासन की यह कोशिश रहेगी कि कांग्रेस का वर्तमान सत्र समाप्त होने से पहले ही समझौते को पारित करा लिया जाए. अमेरिकी संसद के सत्र के 26 सितंबर को समाप्त होने के पूर्व बुश प्रशासन आर्थिक संकट से निपटने के लिए 700 अरब डॉलर के प्रस्ताव को भी स्वीकृत कराना चाहता है. परमाणु करार की राह में यह एक बड़ी बाधा है क्योंकि बुश प्रशासन के साथ-साथ अधिकांश अमेरिकी सांसदों का ध्यान इसी मुद्दे पर लगा हुआ है.