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कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान, पर सीनियर नेताओं ने किया साफ इनकार

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अब अंदरूनी खींचतान से परेशान मालूम पड़ रही है. कभी पार्टी आलाकमान पर निशाना साधा जाता है, तो कभी विरोध की आवाज को दबाए जाने के स्वर सुनाई देते हैं. शायद यही वजह है कि कांग्रेस को निर्देश जारी करना पड़ रहा है कि संगठन के हर स्तर पर नेता मीडिया में गैरजरूरी बयानबाजी न करें.

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कांग्रेस में 'विचार मंथन' का दौर जारी...
कांग्रेस में 'विचार मंथन' का दौर जारी...

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अब अंदरूनी खींचतान से परेशान मालूम पड़ रही है. कभी पार्टी आलाकमान पर निशाना साधा जाता है, तो कभी विरोध की आवाज को दबाए जाने के स्वर सुनाई देते हैं. शायद यही वजह है कि कांग्रेस को निर्देश जारी करना पड़ रहा है कि संगठन के हर स्तर पर नेता मीडिया में गैरजरूरी बयानबाजी न करें.

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दरअसल, कांग्रेस संगठन के महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के देशभर के नेताओं को चिट्ठी जारी की है. चिट्ठी सभी महासचिवों, वर्किंग कमेटी के सदस्यों, महिला इकाई, प्रदेश युवा अध्यक्ष समेत हर स्तर के नेताओं के लिए जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि मीडिया में कोई ऐसा बयान न दें, जिससे विवाद खड़ा होता हो.

ताजा मामला गुरुवार का है, जब कांग्रेस के 14 युवा सचिवों ने अलग से बैठक करके एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया कि किसी भी सूरत में पार्टी आलाकमान के ख‍िलाफ बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. मीडिया में यह बात सामने आई कि ये युवा सचिव राहुल गांधी के समर्थक हैं और उनके पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं. इसके अलगे ही दिन जर्नादन द्विवेदी ने चिट्ठी जारी की.

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जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी के 14 सचिवों को अलग से चिट्ठी भेजी है, जिनमें प्रकाश जोशी, शकील अहमद खान, नसीब सिंह, हरीश चौहान आदि शामिल हैं. इसमें हिदायत दी गई है कि वे मीडिया में अपने विचार न रखें. 44 में से 14 सचिवों को अलग को हिदायत दिए जाने से यह साफ मालूम पड़ रहा है कि पार्टी राहुल गांधी के प्लान के हिसाब से आगे बढ़ना चाह रही है, जो युवा नेताओं को ज्यादा मौके देने की बात कहते रहे हैं.

हालांकि कांग्रेस ने सफाई दी है कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और मीडिया इसे बेवजह तूल दे रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा, 'पार्टी में सचिवों और महासचिवों के बीच चिट्ठियों के जरिए संवाद पहले से होते रहे हैं. यह कोई नई बात नहीं है. इसमें विरोध या असहमति जैसी कोई बात नहीं है.'

सलमान खुर्शीद ने सारा ठीकरा मीडिया के सिर मढ़ते हुए कहा कि जब उसे बीजेपी से ज्यादा खबरें नहीं मिल रही हैं, तो वह कांग्रस की उस चिट्ठी पर फोकस रह रहा है.

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