कश्मीर घाटी में हिंसा की कुछ घटनाओं को अंजाम देने में कट्टरपंथी अलगाववादियों के शामिल होने के संकेत मिले हैं. हिंसा फैलाने में लिप्त एक व्यक्ति और एक अलगाववादी तत्व के बीच हुई बातचीत को सुने जाने से खुलासा हुआ है. इस बातचीत में इन दोनों को श्रीनगर के निकट एक जुलूस के दौरान कम से कम 15 व्यक्तियों के मारे जाने के बारे में चर्चा करते सुना गया.
श्रीनगर के बाहरी इलाके बड़गाम में शाम को एक जुलूस निकला और सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी हुर्रियत गुट के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बातचीत की कि किस तरह जुलूस में शामिल लोगों को मारा जाए. गृह मंत्रालय के पास उपलब्ध बातचीत की प्रतिलिपि से ये पता चला है.
प्रतिलिपि के मुताबिक एक पदाधिकारी गुलाम अहमद दार को एक अन्य पदाधिकारी शब्बीर अहमद वानी से कहते सुना गया कि 20 हजार लोगों का जुलूस मगाम से शुरू हुआ है और यह बड़गाम की ओर बढ़ रहा है. वानी ने दार से कहा, ‘आप लोग घर पर बैठे बैठे पैसा ले लेते हो और कुछ नहीं करते.’
इस पर दार ने कहा, ‘भीड़ को संभालना बाद में काफी मुश्किल हो जाता है. बाद में भीड़ को संभालना मुश्किल होता है.’ दार ने फिर कहा, ‘कम से कम 15 लोग आज शहीद होने चाहिए.’ हालांकि पुलिस ने जुलूस में शामिल भीड़ को हल्के बलप्रयोग से तितर बितर कर दिया और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.