ईद-उल-फितर के समारोह के बीच उग्र भीड़ ने अपराध शाखा के कार्यालय और हजरतबल दरगाह के पास एक पुलिस चौकी समेत कई स्थानों पर सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा दी.
पुलिस का मानना है कि ईद के समारोहों में बाधा डालने के लिए सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस और भूमिगत अलगाववादी नेता मसर्रत आलम के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग ने हिंसक गतिविधियों के लिए लोगों को उकसाया.
अलगाववादी नेताओं ने लाल चौक पर एक रैली का आयोजन किया, जिसके फौरन बाद युवाओं का एक समूह मुख्य अभियंता, उर्जा विकास निगम (पीडीडी) के कार्यालय में घुस गया और उसे आग लगा दी.
आग करीब स्थित अपराध शाखा कार्यालय तक भी पहुंच गई और लकड़ी से बनी इस इमारत को अपनी चपेट में ले लिया.
पुलिस को सख्त तौर पर निर्देश दिए गए थे कि भीड़ पर गोलीबारी न की जाए.पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाई. आग बुझाने के लिए अग्निशमन सेवाओं को बुलाया गया.
स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस महानिदेशक कुलदीप खोड़ा के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए.
गोलीबारी में अब तक किसी के घायल होने की खबर नहीं मिली है.