घाटी में तीन महीने से चल रही अशांति को खत्म करने के रास्ते तलाशने के लिए गृहमंत्री पी चिदंबरम के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज यहां बैठकें कर रहा है.
अलगाववादियों ने इन बैठकों से खुद को दूर कर लिया है. वहीं पीडीपी की ओर से भी पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलने वाली हैं.
प्रदेश के वास्तविक हालाता का आकलन करने के लिए 42 सदस्यीय दल यहां पहुंचा, जिसकी अगवानी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की. राजधानी में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है.
पीडीपी की ओर से प्रतिनिधिमंडल से पार्टी के महासचिव मोहम्मद दिलावर मीर अपने 14 सदस्यों के साथ मुलाकात करेंगे. इस बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल नहीं होंगी.
दूसरी ओर जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक ने बताया कि मीरवाइज उमर फारुक के नेतृत्व वाला हुर्रियत कांफ्रेंस का उदारवादी धड़ा और जेकेएलएफ भी प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलेगा और दल को सिर्फ एक ज्ञापन सौंपेगा.
मलिक ने कहा ‘‘यह एक रचनात्मक ज्ञापन है. आशा है कि इसे सही तरीके से लिया जाएगा और प्रतिनिधिमंडल लोगों की नब्ज को समझ सकेगा.’
संभावना है कि प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सय्यद अली शाह गिलानी से उनके हैदरपोरा स्थित निवास पर मिलें. गिलानी ने हालांकि प्रतिनिधिमंडल से मिलने से आधिकारिक तौर पर मना कर दिया है, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उनके घर पर आते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा क्योंकि वे उनके मेहमान होंगे.
यहां पहुंचने के फौरन बाद चिदंबरम ने कहा कि प्रदेश की प्रत्येक बड़ी पार्टी को प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए 15 मिनट का समय आवंटित किया गया है.
उन्होंने कहा ‘‘यह बहुत अहम होगा कि आप खुद को मिले 15 मिनटों में कैसे अपनी बात सही तरीके से पहुंचा सकते हैं.’