मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मारपीट के आरोप पर आम आदमी पार्टी की मुसीबत बढ़ती नज़र आ रही है. मामले में सियासत के साथ साथ पुलिस जांच भी तेज़ हो गयी है. 'आप' नेता केंद्र सरकार पर साज़िश का आरोप लगा रहे हैं तो केजरीवाल के विधायक और मंत्री विवादित बयान देने में उलझे हुए हैं.
गौतम ने कहा कि सर्विस विभाग सरकार के पास न होने से अधिकारी अपनी जवाबदेही नहीं समझते हैं. अधिकारी सर्वोच्च परीक्षा पास करके आये हैं, उन्हें जनता के लिए जवाबदेही का पता होना चाहिए.
केजरीवाल के मंत्री राजेन्द्र गौतम का आरोप है कि अधिकारी केंद्र के इशारे पर काम करते हैं और सर्विसेज दिल्ली सरकार के अधिकार में न होने का गलत फायदा उठाते हैं.
अधिकारियों और सरकार की खींचतान ने पिछले 3 दिन से दिल्ली सचिवालय में कामकाज को ब्रेक लगा दिया है. 'आजतक' ने पूरे मामले में मंत्री राजेन्द्र गौतम से बातचीत की. गौतम ने कहा कि फ़ाइलों की लेटलतीफी को लेकर सरकार और अधिकारियों के बीच गलत वातावरण पैदा हो गया है. दिल्ली के कामकाज को रोकना सही नहीं है, अधिकारियों को मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि मान सम्मान सभी का बराबर है."
मंत्री ने उत्तम नगर से विधायक नरेश बाल्यान के मारपीट वाले बयान को गलत बताते हुए कहा कि प्रजातंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नही है. बातचीत के दौरान मंत्री ने सीएम आवास पर पुलिस की एकतरफा कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और पुलिस द्वारा सीसीटीवी की टाइमिंग में बदलाव के दावे को मूर्खता बताया है. मंत्री राजेन्द्र गौतम ने कहा कि सचिवालय में एक मंत्री और उसके साथी के साथ भी मारपीट और गुंडागर्दी की गई. अधिकारी और कर्मचारियों को गुंडों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए.
मंत्री का आरोप है कि अधिकारी मंत्री को जानकारी दिए बिना ही सरकारी आयोजन कर रहे हैं. राजेन्द्र गौतम के मुताबिक उनके विभाग से जुड़े एक कार्यक्रम में लोन का कैम्प लगाया जा रहा है, लेकिन बतौर मंत्री उन्हें आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है.