अरुणाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक जंग में नया मोड़ आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश वापस ले लिया. शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब अरुणाचल में सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है.
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था ति 14 कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से जुड़े रिकॉर्ड देख कर ही अगला आदेश देंगे. गुरुवार को रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश वापस ले लिया.
इसका मतलब ये है कि अगर सरकार बनाने की कोई कोशिश होती है तो ये 14 विधायक भी उसमें हिस्सा ले सकेंगे. अयोग्यता के मसले को वापस गुवाहाटी हाई कोर्ट भेजा गया है.
सरकार ने की थी राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश
इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैठक के बाद अरुणाचल प्रदेश में लगे राष्ट्रपति शासन को खत्म करने की सिफारिश की है. बीजेपी समर्थित कांग्रेस के बागी नेता खलिको पुल ने सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला लिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था, जिसके बाद आगे सिफारिश की गई है. इसके पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसने राज्यपाल जेपी राजखोवा को नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने से रोकने की मांग की थी.
कोर्ट ने अरुणाचल मामले में वर्तमान स्थिति कायम रखने का भी आदेश देने से इनकार किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की अटकलें तेज हो गई हैं.