आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी ने रविवार को कहा कि हाई स्कूलों में यौन शिक्षा की शुरुआत ने ऐसे बच्चों का दिमाग 'खराब' कर दिया है जो बहुत जल्द किसी चीज से प्रभावित हो जाने वाली उम्र से गुजर रहे हैं.
जस्टिस रेड्डी के मुताबिक, ‘साल 2005-2006 में हाई स्कूलों में शुरू किए गए वयस्क शिक्षा कार्यक्रम ने किसी भी चीज से बहुत जल्द प्रभावित होने वाली उम्र के बच्चों का दिमाग खराब कर दिया है. बच्चों को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी माता-पिता और अभिभावकों की है.’ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए 2012 में बने कानून (पॉक्सो) पर सभी पक्षों को जागरुक करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति का अध्यक्ष पद भी संभाल रहे जस्टिस रेड्डी ने कहा कि संयुक्त परिवार व्यवस्था ने बच्चों में असुरक्षा की भावना पैदा की है.
इस मौके पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस कल्याण ज्योति सेनगुप्ता ने कहा कि पॉक्सो कानून तो एक साल पहले पारित हुआ लेकिन लागू करने के मामले में अब भी काफी कुछ किया जाना बाकी है.