2011 में हुई जनणगना के ताजा आंकड़े बुधवार को जारी किए गए. जिससे सामने आया है कि भारत के दो समुदाय सिख और जैन लिंगानुपात के मामले में सबसे पीछे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर भी लिंगानुपात में गिरावट देखी गई है.
बाल लिंग अनुपात में 6 साल तक के 1000 लड़कों पर समान आयु की लड़कियों की संख्या देखी जाती है. भारत में लड़के की चाह और छोटे परिवार की सोच ने लड़कियों की संख्या में भारी गिरावट ला दी है. बाल लिंग अनुपात के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में 1000 लड़कों पर 918 लड़कियां हैं. 2001 में ये आंकड़ा 927 था. 1961 के बाद से ये आंकड़ा अपने सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है.
भारत की जनसंख्या का 80 फीसदी हिस्सा हिंदू समुदाय में 2001 में जहां बाल लिंग अनुपात 1000 पर 925 था वो 2011 में गिरकर 913 रह गया. मुस्लिम और ईसाई समुदाय में भी बाल लिंगानुपात में गिरावट देखी गई है. ईसाई धर्म में बाल लिंग अनुपात 964 से गिरकर 958 पर आ गया है, वहीं मुसलमानों में 950 से कम होकर 943 रह गया है.