तथाकथित संत व महंतों पर पहले भी यौन उत्पीड़न जैसे संगीन आरोप लगते रहे हैं. इस बार कर्नाटक के एक पुजारी राघवेश्वर भारती स्वामी ऐसे ही आरोप के घेरे में आ गए हैं. यह अलग बात है कि आरोपियों के खिलाफ भी केस दर्ज किए गए हैं.
कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित श्रीरामचंद्रपुरा मठ के पुजारी राघवेश्वर भारती के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया है.
पूरा मामला कुछ इस तरह है. अंशुमति शास्त्री नाम की महिला ने बुधवार को दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा है कि पुजारी ने पिछले कुछ साल के भीतर कई मौको पर उसकी मां का यौन उत्पीड़न किया है. अंशुमति शास्त्री की मां प्रेमलता दिवाकर गायिका हैं, जो उस मठ के सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन के मौके पर नियमित रूप से गाया करती थीं. पुलिस ने धारा 354-A (यौन उत्पीड़न) और 506 (धमकी देने) के तहत मामला दर्ज किया है.
मामले का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जैसे ही अंशुमति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, उत्तर कन्नड़ पुलिस ने उनके माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, मठ के कर्मचारियों ने भी शिकायत दर्ज करवाई थी कि यह दंपति पुजारी को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है. प्रेमलता व उनके पति को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने शनिवार तक दंपति को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पूरा मामला तब सामने आया, जब बीते सोमवार को मठ के कुछ कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रेमलता और उनके पति अन्य गायकों और संगीतकारों को 'रामकथा कार्यक्रम में शिरकत न करने को लेकर धमकी दे रहे हैं. मठ के दो कर्मचारियों ने प्रेमलता के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज करवाया है. 16 अगस्त को बेंगलुरु में, जबकि 17 अगस्त को होन्नावारा में केस दर्ज कराया गया. आरोप लगाया गया है कि दंपति ने अन्य कलाकारों को धमकी दी है कि वे कार्यक्रम में भाग न लें. साथ ही उन्होंने दूसरों को भी 'उगाही' के रैकेट का हिस्सा बन जाने की सलाह दी है.
राघवेश्वर भारती साल 2010 में तब चर्चा में आए थे, जब मैंगलोर में 3 युवकों की गिरफ्तारी हुई थी. युवकों पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी वीडियो बनाकर पुजारी की छवि धूमिल करने की कोशिश की. बीएस येदियुरप्पा जब कर्नाटक के सीएम थे, तो प्रदेश सरकार ने रामचंद्रपुर मठ को गोकर्ण मंदिर का प्रशासन सौंप दिया था.
दंपति पर आरोप है कि उन्होंने लगातार मठ की छवि खराब की. उन पर पुजारी से 3 करोड़ रुपये धमकियां देकर, नाजायज तरीके से उगाही करने का आरोप है.
दूसरी ओर अंशुमति का आरोप है कि उनके माता-पिता ने कई मौकों पर पुजारी के खिलाफ केस दर्ज कराने की कोशिश की, पर हर बार मठ के कर्मचारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.