जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट के लॉकअप में कैदियों ने घेर लिया. इसके बाद शब्बीर शाह को तुरंत दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.
शब्बीर शाह पर मनी लॉन्ड्रिग का केस चल रहा है. न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में उनकी पेशी थी. इस दौरान जब शाह को कोर्ट के लॉकअप में लाया गया, तो वहां मौजूद कैदियों ने बदसलूकी शुरू कर दी.
आतंकी फंडिंग से गुस्साए कैदी
एक हिंदी अखबार के मुताबिक, लॉक अप में मौजूद दूसरे कैदी आंतकियों की फंडिंग को लेकर शब्बीर शाह से नाराज हो रहे थे. आतंकवादियों को फंड देने को लेकर ही शब्बीर शाह से गाली-गलौच की गई. लॉक अप में शोर शराबा होने के बाद पुलिस जवान वहां पहुंचे और शब्बीर शाह को बाहर निकाला गया. इसके बाद शब्बीर को अलग कमरे में रखा गया.
बता दें कि इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने शब्बीर शाह को भारत माता की जय बोलने के लिए कहा था. जिस पर कोर्ट ने ईडी वकील को ये कहते हुए चुप करा दिया था कि ये कोर्ट रूम है, टीवी स्टूडियो नहीं.
वहीं कोर्ट ने शब्बीर शाह की न्यायिक हिरासत 31 अगस्त तक बढ़ा दी है. शब्बीर शाह को 25 जुलाई को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने पहली सुनवाई में शब्बीर को 7 दिन की रिमांड पर भी भेजा था.
दरअसल, अगस्त 2005 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने असलम वानी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. असलम पर हवाला कारोबार से जुड़े होने का आरोप था. आरोप था कि असलम ने शब्बीर शाह को अलग-अलग वक्त पर कुल 2.25 करोड़ रुपये दिए. जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत शब्बीर शाह और असलम वानी के खिलाफ केस दर्ज किया. वानी 63 लाख की नकदी के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया गया था. पुलिस का दावा था कि वानी के पास ये पैसा हवाला के जरिए मध्य एशिया से आया.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में असलम वानी ने 63 में से 50 लाख रुपए शब्बीर शाह को देने की बात कबूली थी. साथ ही पुलिस ने ये भी दावा किया था कि असलम को इनमें से 10 लाख रुपए श्रीनगर में जैश-ए मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को दिए जाने थे.