सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए आदेश जारी कर दिया है. अदालत ने केंद्र-राज्य सरकार को ऑप्शन पर विचार करने को कहा है, साथ ही एक वार्ताकार भी नियुक्त किया है जो प्रदर्शनकारियों से सीधे तौर पर बात करेगा. सोमवार को अदालत इस मामले में सख्त भी हुआ जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों से विरोध के नाम पर रास्ता ना बंद करने की नसीहत दी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान क्या कहा, एक नज़र डालें..
- संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करें. वजहत हबीबुल्लाह, चंद्रशेखर आजाद इस दौरान उनकी मदद कर सकते हैं.
- दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करें और प्रदर्शन को लेकर ऑप्शन पर चर्चा करें.
- नियमों के हिसाब से जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जा सकता है. अन्य क्षेत्रों पर भी प्रदर्शन हो सकता है.
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- लोगों को विरोध जताने के लिए अवसर मिलना चाहिए, कानूनी रास्ता अपनी जगह लेकिन किसी कानून के खिलाफ लोगों को आवाज उठाने का अधिकार होना चाहिए.
- हर अधिकार के साथ एक जिम्मेदारी भी आती है. आप प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही एक बड़े नज़रिए को भी देखना होगा.
- ट्विटर और सोशल मीडिया पर लोग कोर्ट के बारे में बहुत कुछ कहते हैं. लेकिन हम अपना काम कर रहे हैं, हम किसी पब्लिक ओपिनियन से प्रभावित नहीं होते हैं.
शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों का पक्ष जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किया वार्ताकार
- दुनिया और खासकर हमारे देश में प्रदर्शन को काफी महत्व दिया जाता है. लेकिन रास्तों को खुला रखने पर भी विचार होना चाहिए.
- पहले शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए और ऐसे नतीजा निकालना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी ना हो. अगर बातचीत से हल नहीं निकलता है तो अदालत को एक्शन लेने की छूट दी जा सकती है.
- अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने के खिलाफ नहीं, लेकिन ये मसला जन समस्या का है.
- अगर विरोध के नाम पर हर कोई सड़क पर उतरेगा तो क्या होगा? दिल्ली में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है.