महाराष्ट्र में लंबे समय से जारी शनि शिंगणापुर मंदिर विवाद पर अब आखिरी फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ही लेंगे. सरकारी अमला, मंदिर प्रबंधन और आंदोलन कर रही भूमाता ब्रिगेड की सदस्यों की हुई बैठक में सबने इस बात पर सहमति दी. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और पूजा को लेकर उठे विवाद पर शनिवार को अहम बैठक हुई. महिलाओं के अधिकार के लिए आंदोलनकर रही रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई ने बताया कि शनि शिंगणापुर मंदिर अथॉरिटी के साथ बैठक में सकारात्मक बातें सामने आई हैं. अहमदनगर के डीएम ने इस विवाद पर बातचीत के लिए सभी पक्षों की बैठक बुलाई थी.
लड़की को रोकने और शुद्धिकरण के बाद विवाद
शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि देव के चबूतरे पर महिलाओं के जाने या पूजा करने की मनाही है. बीते दिनों एक लड़की ने वहां पूजा करने की कोशिश की थी. मंदिर प्रबंधन के लोगों ने उसे रोका और चबूतरे को साफ किया. इसके बाद विवाद शुरू हो गया था. विवाद में लड़की और से ब्रिगेड ने आंदोलन शुरू कर दिया था. ब्रिगेड से जुड़ीं महिलाओं की मांग है शनि चबूतरा पर जाने और मंदिर में पूजा करने से रोका न जाए.
मामला सुलझाने के लिए आगे आई सरकार
आंदोलन के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने देसाई को ये भरोसा दिलाया था कि मंदिर प्रबंधन से बातचीत के बाद विवाद को सुलझाने की पूरी कोशिश करेंगे. गृहमंत्री राम शिंदे ने भी कहा था कि सरकार प्रयास करेगी कि मंदिर प्रशासन और महिला कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत के जरिए हल निकाले जाएंगे. देसाई ने कहा कि महिला-पुरुषों में भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
तृप्ति को है जीत का यकीन
ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई ने कहा कि हम बैठक में अपनी सारी मांग तथ्यों के साथ रखेंगे. 400 साल की परंपरा के नाम पर महिलाओं को रोकने की कोशिश सही नहीं है. महिलाएं अपना हक क्यों छोड़ें? ब्रिगेड की सात सदस्य बैठक में गईं थी.
धर्म संसद में होगी शनि पूजा पर चर्चा
ज्योतिषपीठ, द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इलाहाबाद के माघ मेले में आयोजित धर्म संसद में गोसंरक्षण और गंगा की स्वच्छता के साथ ही शनि पूजा मसले पर भी विचार करने का फैसला किया है. धर्म संसद में तीन शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे. संसद में 1200 साधु-संत भी शामिल होंगे.